the-survey-was-done-in-shantikunj-chanting-akhand-with-the-feeling-of-bhavantu-sukhinah
the-survey-was-done-in-shantikunj-chanting-akhand-with-the-feeling-of-bhavantu-sukhinah

शांतिकुंज में हुआ सर्वे भवन्तु सुखिनः के भाव से अखण्ड जप

हरिद्वार, 11 मई (हि.स.)। कोरोना महामारी से केन्द्र एवं राज्य प्रशासन अपने तरीके से लड़ रहे हैं। देवभूमि उत्तराखण्ड के संत समुदाय भी आध्यात्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं। तो वहीं गायत्री तीर्थ शांतिकुंज भी सर्वे भवन्तु सुखिनः के भाव से जप, तप एवं हवन का क्रम चला रहा है। वैशाख कृष्ण अमावस्या के अवसर पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक का अखण्ड जप एवं विशेष हवन का आयोजन हुआ। इस दौरान कोरोना महामारी में असमय काल कवलित हुए दिव्यात्माओं की शांति, सद्गति तथा उनके परिवारीजन इस कष्ट से उबरने हेतु विशेष प्रार्थना की गयी। साथ ही मृतमात्मा की सद्गति हेतु विशेष संस्कार भी सम्पन्न कराये गये। इस अवसर पर अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डा. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि व्यक्तिगत स्तर पर उच्च आत्मिक लक्ष्य प्राप्त करना हो तो उसके लिए एकांत में किए जाने वाले जप-तप अनुष्ठान ही सही हैं, लेकिन सामूहिक लक्ष्य प्राप्त करना हो और व्यापक विपदाओं का निवारण करना हो, तो आध्यात्मिक प्रयत्नों में भी सामूहिक प्रयत्न किए जाते हैं। सामूहिक प्रार्थना, अनुष्ठान महायज्ञ जैसे प्रयास समाज और विश्व को ध्यान में रखकर ही विशेष वैदिक मंत्रों के साथ किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि जब विपत्ति बड़ी हो, महामारी जैसे सुरसा सामने खड़े हों, तो सामूहिक जप, तप हवन से सर्वशक्तिमान परमात्मा से कष्ट से मुक्ति हेतु सामूहिक प्रार्थना की जाती है और परिणाम भी अपेक्षानुरूप मिलने की संभावना अधिक होती है। शांतिकुंज में प्रातःकाल 27 कुण्डीय यज्ञशाला में कोविड-19 के अनुशासनों का पालन करते हुए अंतेवासी कार्यकत्र्ताओं ने विशेष वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच हवन किया। पश्चात मुख्य सत्संग सभागार में दो गज की दूरी एवं मास्क के साथ गायत्री तीर्थ के सभी साधकों ने अखण्ड जप में भागीदारी की। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in