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मौजूदा वक्त में जैविक कृषि की आवश्यकताः चिदानंद सरस्वती

ऋषिकेश, 27 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय कृषि सचिव विवेक अग्रवाल, सपना अग्रवाल, विंग कमांडर डा. नवनीत मग्गो और एम्स के डा. विनोद ने शनिवार को परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से मुलाकात की। इस मौके पर चिदानंद ने कहा कि ‘‘कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कृषि ने हम भारतीयों को जीवन और पोषण देने के साथ उत्कृष्ट संस्कृति भी दी है। कृषि पद्धति सामंजस्यपूर्ण, सह-अस्तित्व और प्रकृति के संरक्षण के सिद्धान्तों पर आधारित होनी चाहिए।जैविक कृषि (ऑर्गेनिक फार्मिंग) मौजूदा समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कृषि में उर्वरकों एवं कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए ताकि भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहे। जैविक उत्पादों का उत्पादन कर हम वैश्विक स्तर पर जैविक बाजार तैयार कर सकते हैं इसलिये फसलों के बोने से बिकने तक की यात्रा का सही संयोजन किया जाना जरूरी है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती और विंग कमांडर डा. नवनीत मग्गो के ‘स्त्री वरदान’ कार्यक्रम पर चर्चा की गई। स्वामी ने कहा कि नारी शक्ति को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना नितांत आवश्यक है। नारियों की चुप्पी की वजह से कई बार उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसलिये परिवार, समाज और अस्पताल का वातावरण इतना सहज होना चाहिए। विंग कमांडर डा. नवनीत मग्गो ने ने कहा कि पहाड़ों पर कई स्थानों पर उत्कृष्ट स्वास्थ्य समस्याओं का अभाव है अतः परमार्थ निकेतन और एम्स दोनों संस्थायें मिलकर पहाड़ पर रहने वालों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान करने में योगदान दे सकती हैं। इस मौके पर परमार्थ निकेतन में ’अर्थ आवर‘ के अवसर पर रात 8ः30 बजे से 9ः30 एक घंटे तक रोशनी बंद रखकर बिजली बचाने एवं नेचर व फ्यूचर को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया गया। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम/मुकुंद

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