The administration prohibited the bathing of saints on the day of Makar Sakranti in Devprayag and Basant Panchami in Rishikesh.
The administration prohibited the bathing of saints on the day of Makar Sakranti in Devprayag and Basant Panchami in Rishikesh.

देवप्रयाग में मकर सक्रांति व ऋषिकेश में बसंत पंचमी के दिन संतों के स्नान पर प्रशासन ने लगाई रोक, लोगों में आकोश

कुंभ मेला के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जाने की तैयारी में षड्दर्शन साधु समाज व अखिल भारतीय संत रक्षा समिति ऋषिकेश, 04 जनवरी (हि.स.)। कुंभ मेला प्रशासन ने कुंभ मेला के दौरान देवप्रयाग में मकर सक्रांति के दिन और ऋषिकेश में बसंत पंचमी के दिन संतों को पूर्व मेें दी गई स्नान करने की अनुमति को निरस्त कर दिया है। इससे ऋषिकेश व देवप्रयाग के संतों के साथ धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं में रोष है। स्नान को लेकर षड्दर्शन साधु समाज और अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति हाई कोर्ट में दस्तक देने जा रहा है। दरअसल, कुंभ मेला प्रशासन ने 07 फरवरी 2020 को देवप्रयाग केे संगम पर 14 जनवरी मकर सक्रांति तथा ऋषिकेश में 16 फरवरी को बसंत पंचमी के पर्व पर त्रिवेणी घाट पर संतों के धूमधाम से स्नान किए जाने की अनुमति दी थी। साथ ही नगर निगम ऋषिकेश तथा नगर पंचायत देवप्रयाग सहित तमाम प्रशासनिक इकाइयों को संतों के स्नान किए जाने को लेकर तमाम व्यवस्थाएं किए जाने के लिए निर्देश भी दिए थे। लेकिन 29 दिसम्बर 2020 को मेला प्रशासन के अपर जिलाधिकारी ने शासन का हवाला देते हुए पूर्व में जारी आदेश को निरस्त कर दिया है। इसके विरोध में षड्दर्शन साधु समाज तथा अखिल भारतीय संत रक्षा समिति में आकोश व्याप्त है। षडदर्शन साधु समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत गोपाल गिरी ने मेला प्रशासन के निरस्ती आदेश को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट में दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर ली है। उधर, देवप्रयाग व ऋषिकेश के तमाम धार्मिक राजनीतिक सामाजिक संगठनों ने उत्तराखंड सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम-hindusthansamachar.in

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