पिथौरागढ़ के आपदा प्रभावित टांगा गांव में मलबे से तीन और शव निकाले गए
पिथौरागढ़ के आपदा प्रभावित टांगा गांव में मलबे से तीन और शव निकाले गए

पिथौरागढ़ के आपदा प्रभावित टांगा गांव में मलबे से तीन और शव निकाले गए

- अब तक निकाले गए सात शव, बादल फटने के बाद से 11 लोग लापता थे देहरादून, 22 जुलाई (हि.स.)। पिथौरागढ़ जनपद के तहसील बंगापानी के आपदा प्रभावित क्षेत्र टांगा में बुधवार दोपहर तक तीन और शव निकाले जा चुके हैं। इसके साथ ही यहां अब तक निकाले गए शवों की संख्या बढ़कर सात हो गई। यहां रविवार की रात बादल फटने की घटना के बाद से 11 लोग लापता थे। जिलाधिकारी डॉ. वीके जोगदंडे प्रभावित इलाके में आज भी सुबह से ही खुद रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। पिछले दो दिनों से इलाके में लापता लोगों की तलाश में व्यापक स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बुधवार को दोपहर तक तीन और शव मलबे से निकाले गए हैं, जिनकी शिनाख्त तुलसी देवी (65) पत्नी माधो सिंह, रितिका (08) पुत्री गणेश सिंह, दिवांसु (12) पुत्र गणेश सिंह के रूप में की गई है। बुधवार को एसडीआरएफ की 14 जवानों की एक और टीम अल्मोड़ा से रवाना की गई है, जिसके कुछ घंटों में आपदा प्रभावित स्थल पर पहुंचने की संभावना है। मंगलवार को भी एनडीआरएफ के 29, आईटीबीपीके 19, एसडीआरएफ के 10, पुलिस व राजस्व, पेयजल, खाद्य आपूर्ति, होमगार्ड, पीआरडी, पुलिस संचार विभाग के 30 कार्मिकों समेत कुल 85 जवानों व कार्मिकों द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। क्षेत्र में मंगलवार से ही 2 मेडिकल टीम भी तैनात की गई हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र में प्रशासन द्वारा खाद्य एवं अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाई गई। रेस्क्यू ऑपरेशन में मंगलवार को 4 लापता व्यक्तियों के शव मलबे से निकाले गए थे। हालांकि कल दोपहर को जिला प्रशासन ने पांच लोगों के शव निकाले जाने की सूचना दी थी लेकिन देर शाम बताया गया कि कल सिर्फ चार लोगों के शव ही मलबे से निकाले जा सके, जो माधव सिंह (70) पुत्र चन्द्र सिंह, गणेश सिंह (40) पुत्र माधव सिंह, हीरा देवी (30) पत्नी गणेश सिंह और रोशन कुमार (17) पुत्र जीत राम के थे। धारचूला के एसडीएम ने बताया कि कल ही पोस्टमार्टम कराने की औपचारिकता पूरी करने के बाद इनके अंतिम संस्कार भी कर दिए गए। धारचूला के एसडीएम, पुलिस क्षेत्राधिकारी और विकास खंड अधिकारी आपदा प्रभावित इलाके में कैम्प किए हुए हैं। प्रभावित परिवारों के लिए टांगा में टेंट के 10 अस्थाई आश्रय स्थलों में शिफ्ट कर दिया गया। आवागमन के लिए पैदल रास्ता बना दिया गया है। फौरी तौर पर पानी की सप्लाई भी बहाल कर दी गई है। इसके अलावा कुछ हिस्सों में विद्युत आपूर्ति लाइन भी बहाल कर दी गई और बाकी हिस्सों के लिए कार्य प्रगति पर है। हालांकि इलाके में संचार सुविधा अभी तक बहाल नहीं हो पाई है। आपदा प्रभावित इलाके में न तो मोबाइल फोन और न ही वायरलेस की काम कर रहे हैं। इसके कारण सूचना के आदान-प्रदान में प्रशासन को भी काफी दिक्कत हो रही है। उल्लेखनीय है कि रविवार की रात को ही बादल फटने की घटना में जनपद पिथौरागढ़ के गैला गांव में भी तीन लोगों की मलबे में दबने से मौत हो गई थी। सोमवार के एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम ने मलबे से उनके शव निकाले थे। हिन्दुस्थान समाचार/दधिबल/सुनीत-hindusthansamachar.in

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