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सैनिकों को पेशावर कांड की वर्षगांठ पर किया गया सम्मानित

नई टिहरी, 23 अप्रैल (हि.स.)। पेशावर कांड की वर्षगांठ पर वीर चंद्र सिंह गढ़वाली व उनके साथियों को याद करते हुये एकता मंच के संयोजक व प्रदेश कांग्रेस पार्टी के सदस्य आकाश कृषाली व नगर पालिकाध्यक्ष सीमा कृषाली ने प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय सेना के सिपाही रहे अपने पूर्वजों में स्व. भोपाल सिंह कृषाली व स्व. तोता सिंह कृषाली की याद में सैनिकों के सम्मान को भव्य कार्यक्रम का आयोजन नगर पालिका में किया। इस मौके पर उन्होंने सैनिकों के सम्मान को देशहित के सर्वोपरि बताते हुये हुये कहा कि सैनिकों का सम्मान उनका हक है। एकता मंच ने टिहरी की समस्याओं को जोर-शोर से उठाते हुये समाधान की मांग सरकार से की। नगर पालिकाध्यक्ष सीमा कृषाली व आकाश कृषाली ने आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत गांधी जी की प्रतिमा का माल्यार्पण कर की। इसके बाद नगर पालिका हाल में आठ पूर्व सैनिकों व उनके परिजनों को शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया है। इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आकाश कृषाली ने कहा कि पेशावर के कांड वीर चंद्र सिंह गढ़वाली व उनके साथियों ने अनोखी मिशाल पेश की थी। उन्होंने अन्याय के खिलाफ आज के दिन हथियार उठाने से मना कर दिया था। इतिहास में उनका नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया। इस मौके पर पालिकाध्यक्ष सीमा कृषाली ने कहा कि उत्तराखंड की माटी में जन्में भारत मां के सपूत पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली व उनक के साथियों को शत-शत नमन है। जिन्होंने अन्याय के खिलाफ कदम उठाते हुये गढ़वाली सीज फायर किया था। कहा कि उनके पूर्वजों में स्व भोपाल सिंह कृषाली व स्व तोता सिंह कृषाली का भारतीय सेना में प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध में देश सेवा का मौका मिला है। जिससे उनके परिवार में सैनिकों को लेकर सम्मान का भाव गहरा बना हुआ है। इस मौके पर कार्यक्रम में अनुपम भट्ट, राजेश चौहान, प्रकाश कृषाली, जयेंद्र नेगी, सुनील, राहुल बुटोला, नवजीत राणा, पृथ्वी शर्मा आदि मौजूद रहे। इस मौके पर एकता मंच के संयोजक व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आकाश कृषाली व उनकी टीम ने टिहरी की समस्याओं को जोर-शोर से उठाया। कहा टिहरी बांध प्रभावित क्षेत्र की जनता ने देश के भारी बलिदान दिया है। लेकिन आज बांध प्रभावितों से किये वादों को सरकार भुल चुकी है। बांध प्रभावितों के बेहतर जीवन स्तर व रोजगार सृजन को आज कुछ नहीं किया जा रहा है। बांध प्रभावित प्रत्येक परिवार के एक युवा को नौकरी देने के जीओ पर गौर नहीं हो रहा है। हनुमंव राव कमेटी की सिफारिशों को दरकिनार कर दिया गया है। झील के चारों ओर आज तक रिंग रोड नहीं बनी है। व्यवसायिक भूखंड दिये जाने का वादा पूरा नहीं किया गया। जिस टिहरी को मिनी स्विटजरलैंड बनाने का दावा किया गया था, वह आज सीवरेज की गंभीर समस्या से जुझ रहा है। 415 परिवारों के पुनर्वास का मामला आज भी राज्य व केंद्र सरकार के बीच लटका है। हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल/

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