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राजकीय नर्सिंग कॉलेज पठियालधार में शिक्षकों की कमी

गोपेश्वर, 02 अप्रैल (हि.स.)। राज्य सरकार पहाड़ी जिलों में व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के दावे कर रही है। चमोली जिले में वर्ष 2018 से संचालित राजकीय नर्सिंग कॉलेज पठियालधार सरकार के दावों की पोल खोल रहा है। यह कॉलेज स्थापना के बाद संसाधनों के अभाव में संचालित हो रहा है। शिक्षकों के अभाव में कॉलेज के दो बैच का संचालन अभी तक भी टिहरी से किया जा रहा है। कॉलेज संचालन के लिये एक प्रधानाचार्य, दो नर्सिंग ट्यूटर, दो सहायक प्रोफेसर, एक उप प्रधानाचार्य, एक प्रशासनिक अधिकारी, एक वित्तीय सहायक, एक सहायक लेखाकार, एक वरिष्ठ सहायक, दो कनिष्ठ सहायक, एक स्टोर कीपर, एक लाइब्रेरियन, एक प्लम्बर, एक इलेक्ट्रीशियन, 32 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद सृजित किए गए थे। वर्तमान में यहां एक प्रधानाचार्य, तीन नर्सिंग ट्यूटर और 19 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। नियमों के अनुसार कॉलेज में चार बैच के सुचारु पठन-पाठन के लिए 12 नर्सिंग ट्यूटरों की आवश्यकता है लेकिन कॉलेज में महज तीन नर्सिंग ट्यूटरों के पद सृजित किये गये हैं। ऐसे में वर्तमान तक कॉलेज के दो बैच टिहरी में संचालित किये जा रहे हैं। स्थानीय निवासी महेंद्र सिंह, तेजप्रताप और भूपेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार को ध्यान देना चाहिए। राजकीय नर्सिंग कॉलेज पठियालधार की प्रधानाचार्य ममता कपरुवाण का कहना है कि कॉलेज में नर्सिंग ट्यूटर और सहायक प्रोफेसर के लिए साक्षात्कार हो चुके हैं। कॉलेज में 12 शिक्षकों की आवश्यकता है पर शासन की ओर से महज तीन पद सृजित किये गये हैं। ऐसे में कॉलेज की सभी चार बैच गोपेश्वर में संचालित न हो पाने के चलते दो बैच वर्तमान तक टिहरी में संचालित किये जा रहे है। उच्चाधिकारियों को जानकरी दी गई है। पदों का सृजन व तैनाती शासन स्तर पर की जानी है। हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/मुकुंद

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