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वर्चुअल सेमिनार में विकिरण पर वैज्ञानिकों ने किया गहन मंथन

नई टिहरी, 18 मार्च (हि.स.)। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नई टिहरी के भौतिक विज्ञान विभाग एवं हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय के स्वामी रामतीर्थ परिसर बादशाहीथौल ने संयुक्त रूप से रेडिएशन अवेयरनेस एंड डिटेक्शन इन नेचुरल एनवायरनमेंट विषय पर वर्चुअल सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार का शुभारम्भ राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला नई दिल्ली के निदेशक डॉ डीके असवाल ने किया। इस मौके पर असवाल ने गढ़वाल विश्वविद्यालय के विकिरण संरक्षण एवं जागरुकता कार्यक्रम में योगदान को सराहा। डॉ असवाल ने अपने आतिथ्य भाषण में विकिरण के दुष्प्रभाव एवं उपयोगिता पर सेमिनार में उपस्थित सभी प्रतिभागियों के साथ विस्तृत रूप से चर्चा कीI उन्होंने कहा कि विकिरण शोध में हमें मापन की शुद्धता पर विशेष ध्यान देना होगा, जिससे की शोध की उपयोगिता बनी रहे। सम्मलेन के अध्यक्ष प्रो आरसी रमोला ने भारत में रेडॉन शोध नेटवर्क के विकास एवं इसकी गतिविधियों से विश्व भर के वैज्ञानिकों को अवगत करायाI नई टिहरी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रेनू नेगी ने कहा कि राष्ट्रीय सम्मलेन में प्रतिभाग करने वाले सभी वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों का धन्यवाद ज्ञापित कियाI हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल ने सेमीनार में प्रतिभाग करने वाले देश-विदेश के सभी वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों से विकिरण जागरुकता का सन्देश देने व इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने का आह्वान किया। सम्मलेन के मुख्य वक्ता कनाडा की पेम वर्किंटन कैनेडियन ने रेडॉन मॉनिटरिंग के बारे में जानकारी दी। सम्मलेन के प्रथम दिवस के प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता हंगरी के वैज्ञानिक तिबोर कोवेक्स एवं जापान के वैज्ञानिक एसके शाहू ने संयुक्त रूप से की। इस सत्र में इटली के वैज्ञानिक फ्रांसिस्को ने अपने व्याख्यान में बताया कि कैसे कार्यस्थलों एवं घरों में विकिरण के उत्सर्जन से बचा जा सकता है। इसके लिए क्या-क्या आवश्यक कदम उठाये जा सकते हैं। सत्र के द्वितीय व्याख्यान में आयरलैंड के वैज्ञानिक मैक्लोकिन ने रेडियोएक्टिव गैस रेडॉन द्वारा वातावरण में उत्सर्जित विकिरण की मात्रा के बारे अपना शोध साझा कियाI प्रथम दिवस के द्वितीय सत्र में पोलैंड के वैज्ञानिक कोजेक ने साइक्लोट्रॉन के उत्सर्जित गामा विकिरण के बारे में अपना अनुभव साझा कियाI इस सत्र में कैमरून के वैज्ञानिक शैडो एवं जर्मनी वैज्ञानिक पीटर ने विकिरण शोध के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों एवं उनके समाधान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सटीक योजना बनाने पर जोर दियाI सम्मलेन के द्वितीय सत्र की अध्यक्षता हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रो. पीडी सेमल्टी एवं मिजोरम केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आरसी तिवारी ने कीI हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल/

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