योजनाएं तैयार करते समय प्रवासी नागरिकों का ध्यान रखा जाएः सतपाल महाराज
योजनाएं तैयार करते समय प्रवासी नागरिकों का ध्यान रखा जाएः सतपाल महाराज

योजनाएं तैयार करते समय प्रवासी नागरिकों का ध्यान रखा जाएः सतपाल महाराज

सतपाल महाराज ने लम्बे समय से एक ही स्थान पर डटे अधिकारियों का ब्यौरा तलब किया देहरादून, 27 जुलाई (हि.स.)। उत्तराखंड के जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने आज जलागम निदेशालय में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर निर्देश दिए कि जितनी भी योजनाएं तैयार की जा रही हैं, उनमें उत्तराखंड आए प्रवासी नागरिकों और बेरोजगारों को भी उससे जोड़कर उन्हें भी इसका लाभ दिया जाए। सतपाल महाराज ने इंदिरा नगर स्थित जलागम निदेशालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर जलागम द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह विधानसभा क्षेत्र चौबट्टाखाल सहित पूरे उत्तराखंड में ग्रोथ सेंटरों की संख्या वह उनकी अद्यतन स्थिति की भी जानकारी उन्हें तत्काल उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कहा कि जलागम के कार्यक्षेत्र को बढ़ाया जाए ताकि उत्तराखंड आये प्रवासियों सहित सभी बेरोजगारों को प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि अक्सर देखने में आ रहा है कि जलागम के उच्च अधिकारी लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात हैं, जो नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी अधिकारी को फील्ड का चार्ज दिये जाने से पूर्व पत्रावली अनुमोदन हेतु प्रस्तुत करना आवश्यक है। जलागम मंत्री ने कहा कि मुख्यालय में संविदा पर तैनात अधिकारियों सहित ऐसे अधिकारियों का भी विवरण उन्हें उपलब्ध करवाया जाए, जिनकी लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए मंत्री ने कहा कि जलागम परियोजना के अंतर्गत ग्रामों में जो सोलर सिस्टम लग रहे हैं, उसमें स्थानीय विक्रेताओं को लाभ सुनिश्चित किया जाए। महाराज ने बताया कि लगभग 334 ग्राम पंचायतों को सम्मिलित करते हुए समग्र जलागम उपचार का कार्य किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये कुल 208.16 करोड़ के बजट में से 84.67 करोड़ अवमुक्त हो चुका है। विभाग द्वारा निर्बल वर्ग आय अर्जक गतिविधियां चलाई जा रही हैं। सतपाल महाराज ने कहा कि जल संरक्षण, संभरण एवं जल स्रोतों के उपचार हेतु किये जा रहे कार्यों के परिणाम स्वरूप 1485 जल स्रोतों के उत्सर्जन में 22 से 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कृषि क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा विकास एवं कृषि उत्पादकता में भी 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सौर ऊर्जा का प्रयोग करके 144 हेक्टेयर बारानी कृषि क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के माध्यम से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है। बेमौसमी उच्च मूल्य फसलों को बढ़ावा देने के लिये पॉली हाउस एवं पॉली टनल का निर्माण किया जा रहा है, जिससे उत्पादन अधिक होने एवं बेमौसम में उत्पादक के विक्रय से कृषकों की अधिक नियमित आय होना सुनिश्चित हुआ है। महाराज ने बताया कि निर्मल आय कोष गतिविधि के अंतर्गत 65.10 लाख की वित्तीय सहायता से गैर कृषि आधारित आजीविका गतिविधियों में कुल 99.90 लाख की आमदनी हुई है। हिन्दुस्थान समाचार/दधिबल-hindusthansamachar.in

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