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सतपाल महाराज ने जिलाधिकारियों से बाढ़ संभावित क्षेत्रों की ली जानकारी

-कहा, रैणी गांव के सभी 54 परिवार सुरक्षित देहरादून, 21 जून (हि.स.)। सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों से दूरभाष पर बात कर बाढ़ सुरक्षा उपायों के साथ-साथ बाढ़ संभावित क्षेत्रों की जानकारी ली। इसके अलावा जनपद पिथौरागढ़ स्थित धारचूला घाटी में फंसे लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और रैणी गांव के लोगों की सुरक्षा में सभी आवश्यक कदम उठाने के भी निर्देश दिए। सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश को देखते हुए सिंचाई विभाग पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। उन्होंने चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदोरिया से बात कर रैणी गांव की स्थिति की जानकारी लेने के साथ-साथ निर्देश दिए कि स्थानीय लोगों आवश्यकता की सभी जरूरी वस्तुएं उन्हें उपलब्ध करवाई जाएं। महाराज ने बताया कि रैणी गांव में रह रहे लगभग 54 परिवारों को सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया गया है। वहां स्थित गौरा देवी की प्रतिमा को भी हटाकर सुरक्षित स्थान पर रख दिया गया है। अनाज की कोई कमी नहीं है। जो भी दिक्कतें उनको होंगी उसके लिए अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। सारी व्यवस्थाएं पूरी हो चुकी हैं। मंत्री ने बताया कि रैणी गांव के अंदर कुछ सड़कें धंस गई हैं। उनकी कनेक्टिविटी जारी रखने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नीति घाटी अवरुद्ध न हो, जोशीमठ से उसका संपर्क बना रहे, इसके लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इस बारे में सचिव एसटीआरएफ एवं सिंचाई एस. ए. मरूगेशन और प्रमुख अभियंता सिंचाई मुकेश मोहन को भी निर्देशित किया गया है कि वह पूरी जानकारी प्राप्त करें और उसके अनुसार समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि व्यवस्था चाक-चौबंद होनी चाहिए। लोगों की सुरक्षा जरूरी है। नदियों की पूरी मानिटरिंग होनी चाहिए ,ताकि लोगों को पूर्व सूचना दी जा सके। महाराज ने एनएचपीसी परिसर तपोवन के समीप बहने वाली काली नदी के बहाव से होने वाले खतरे को देखते हुए जिलाधिकारी पिथौरागढ़ आनंद स्वरूप से फोन पर बात कर सभी एहतियाती उपाय करने के निर्देश भी दिए हैं। जिलाधिकारी ने सिंचाई मंत्री बताया कि एनएचपीसी तपोवन के समीप पड़ोसी देश नेपाल द्वारा अपनी सीमा पर कुछ सिविल कार्य किया जा रहा है, जिसके कारण उनके द्वारा काली नदी का बहाव एनएचपीसी परिसर तपोवन की ओर मोड़ दिया गया है। इसके कारण काली नदी के किनारे स्पर्स की बुनियाद में कटाव शुरू हो गया था। सिंचाई विभाग के माध्यम से पत्थर और बोल्डर डालकर बायर क्रेट लगवाने का कार्य किया जा रहा है। वह शीघ्र ही पूरा हो जाएगा। मंत्री ने बताया कि नेपाल की ओर से आ रही दिक्कत का समाधान शीघ्र करने के प्रयास किए जा रहे हैं। धारचूला घाटी दारमा एवं अन्य जगहों पर काफी नुकसान हुआ है। सड़कें बंद हो गई हैं। कुछ पुल भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उनको ठीक करने की का प्रयास चल रहा है। कुछ लोग अभी भी धारचूला की घाटियों में फंसे हैं। उनको हेलीकाप्टर के माध्यम से रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

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