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संस्कृत भारती की ऑनलाइन संभाषण श्रृंखला का समापन

हरिद्वार, 24 जून (हि.स.)। उत्तराखंड संस्कृत भारती के तत्वावधान में आयोजित ऑनलाइन सम्भाषण श्रृंखला के समापन अवसर पर संस्कृत के पठन-पाठन तथा प्रचार-प्रसार पर वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। इस मौके पर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त प्रचारक युद्धवीर सिंह ने कहाकि कार्यकर्ताओं के निरन्तर प्रशिक्षण और सम्पर्क से संगठन के विस्तार में तेजी लायी जा सकती है। इसलिए हम सभी को अधिक से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन कर कार्यकर्ताओं को जोड़ने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि संस्कृत संभाषण शिविरों के जरिये संस्कृत भारती का कार्य बढ़ रहा है। शिविर से जुड़कर अधिकतर विद्यार्थी लाभ प्राप्त कर रहे हैं। कार्यक्रम में संस्कृत भारती के न्यासी और चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि आधुनिक काल में संस्कृत नाम सुनते ही श्रद्धा से मन भर जाता है। संस्कृत का सम्बन्ध हमारे पैदा होने से ही हमारे साथ जुड़ जाता है और मौत के बाद भी हमसे दूर नहीं होता। इसलिए हमें गर्व होना चाहिए कि हम संस्कृत भारती से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में ही नहीं देशभर से संस्कृत भारती से जुड़े हुए सैंकड़ों समर्पित कार्यकर्ता संस्कृत सीखने तथा इसका प्रचार करने के लिए करोड़ों लोगों को प्रेरित कर रही है। कार्यक्रम में लगभग एक हजार लोगों ने प्रतिभाग किया। संचालन प्रांत शिक्षण प्रमुख गिरीश तिवारी व विशाल भट्ट ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में संस्कृत भारती की प्रांत अध्यक्ष जानकी त्रिपाठी, प्रान्त मंत्री राकेश शर्मा, प्रान्त शिक्षण प्रमुख गिरीश तिवारी, सह-शिक्षण प्रमुख डॉ. राघव झा, प्रान्त प्रचार प्रमुख संजू प्रसाद ध्यानी, क्षेत्र संयोजक डॉ. प्रेमचंद शास्त्री आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि संस्कृत भारती की संभाषण श्रृंखला में गत 16 दिन से उत्तराखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों से सैकड़ों छात्र-छात्राओं, शिक्षक, डॉक्टर, इंजीनियर ने सहभाग किया है हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत ।

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