संत परम्परा भारत की प्राचीन परम्पराः राज्यपाल
हरिद्वार, 14 जनवरी (हि.स.)। उत्तराखण्ड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने आज निरंजनी अखाड़ा पहुंचकर आचार्य महामण्डेलश्वर कैलाशानद गिरी के पट्टाभिषेक समारोह में प्रतिभाग किया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, रूडकी विधायक प्रदीप बत्रा, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, भाजपा नेता विकास तिवारी, नरेश शर्मा, ओम प्रकाश जमदग्नि आदि भी समारोह में उपस्थित रहे। सभी ने अखाड़ा परम्परा के अनुसार आचार्य महामण्डलेेश्वर को चादर समर्पित की। इस मौके पर राज्यपाल ने समस्त अखाड़ा संतों को मकर संक्रांति की शुभकामनायें दीं। उन्होंने स्वामी कैलाशानंद महाराज को आचार्य महामण्डलेश्वर के पद पर आसीन होने पर बधाई दी। मौर्य ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि संत परम्परा भारत की प्राचीन परम्परा है। युवाओं को अपने धर्म और संस्कृति को अपनाकर नव भारत के निर्माण में योगदान करना चाहिए। संतों का सम्मान हमारी सनातन परम्परा है, जो भारत को अन्य देशों से अलग और विशेष बनाती है। उन्होंने नव वर्ष में सभी के लिए मंगल कामना करते हुए कोरोना मुक्त भारत की प्रार्थना मां गंगा से की। इस अवसर पर समस्त अखाड़ा पदाधिकारियों व संतों के अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के इंद्रेश कुमार, दिनेश, शिव प्रकाश, युद्धवीर, शरद कुमार सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत-hindusthansamachar.in