चंपावत से आकर कोरोना के प्रति जागरूक कर रही तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त रीता गहतोड़ी
चंपावत से आकर कोरोना के प्रति जागरूक कर रही तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त रीता गहतोड़ी

चंपावत से आकर कोरोना के प्रति जागरूक कर रही तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त रीता गहतोड़ी

नैनीताल, 14 जुलाई (हि.स.)। कोरोना से बचाव एवं रोकथाम अभियान के तहत सीमान्त जनपद चंपावत की तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त महिला रीता गहतोड़ी मंगलवार को यहां जिला मुख्यालय पहुंचीं और लोगों को गीतों के माध्यम से कोरोना से बचने का आह्वान करते हुए जागरूक किया। वे लोगों को गीतों के माध्यम से समझा रही हैं कि मानव जीवन अमूल्य है। इसे कोरोना से बचाना है। साथ ही वह ‘हम होंगे कामयाब’ गाती हुई यह विश्वास भी जगा रही हैं कि देश कोरोना से अवश्य ही जीतेगा। एक मुलाकात में रीता ने बताया कि वह हमेशा लीक से हटकर कार्य करती आई हैं। उनके माता-पिता की सिर्फ तीन पुत्रियां ही हैं। उन्होंने स्वयं अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। इस पर ही उन्हें तीलू रौतेली पुरस्कार मिला। इसके बाद वह कई अन्य लोगों का भी अंतिम संस्कार कर चुकी हैं। साथ ही पुरानी गलत मान्यताओं को तोड़ने का भी उन्हें शगल है। गणपति वंदना में ‘बांझन को पुत्र देत’ शब्द की जगह ‘निःसंतानों को पुत्र देत’ जैसे शब्द का प्रयोग करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। वे मनोचिकित्सालयों में बीमारों को जीवन जीने के लिए सकारात्मकता की ओर प्रेरित करने के लिए भी कार्य करती हैं। हिन्दुस्थान समाचार/नवीन जोशी-hindusthansamachar.in

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