remembering-poet-dr-girijashankar-trivedi-on-the-13th-death-anniversary
remembering-poet-dr-girijashankar-trivedi-on-the-13th-death-anniversary

कवि डॉ. गिरिजाशंकर त्रिवेदी की 13वीं पुण्य तिथि पर किया याद

देहरादून, 15 अप्रैल (हि.स.)। प्रसिद्ध कवि डॉ. गिरिजाशंकर त्रिवेदी की 13वीं पुण्य तिथि पर ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम में साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों व कवियों ने उनका भावपूर्ण स्मरण किया। इस दौरान उनके रचनाओं को सुनाकर यादें ताजा की गई। देश के प्रख्यात मधुर गीतकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने अपने वक्तव्य में कहा कि डॉ. त्रिवेदी के ज्ञान के अलावा उनके आचरण से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता था। समय की पाबंदी और 'प्रियं च सत्यं च' वाणी के साथ ही सबको जोड़कर चलने वाले अद्भुत साहित्यकार थे। समाज के हर स्तर के व्यक्ति के वे 'गुरुजी' थे। उनके गीत जागृति और संवेदना के पोषक थे। वे वस्तुतः उत्तराखंड राज्य के महारत्न थे। उनके देहरादून आगमन और निधन के बीच की अवधि को 'त्रिवेदी युग' माना जाना चाहिए। उनकी 13 वीं पुण्यतिथि पर उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि। संस्कृत विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ. सुधा पांडे ने डॉ त्रिवेदी की साहित्यिक और सांस्कृतिक पत्रकारिता का उल्लेख करते हुए उन्हें कवि शिरोमणि बताते हुए श्रद्धांजलि दी। सहारनपुर के वरिष्ठ कवि विनोद भृंग ने डॉ. त्रिवेदी को साहित्य मनीषी बताते हुए नमन किया। साहित्यकार डॉ. मंजुला राणा ने डॉ. त्रिवेदी को एक सच्चा इंसान और बहु आयामी व्यक्तित्व बताया। कवि और पत्रकार सोमवारलाल उनियाल प्रदीप ने अपने संदेश में त्रिवेदी को अग्रज साहित्यकार, मनीषी बताते हुए उनकी स्मृति को नमन किया। कवि हेमचंद सकलानी का कहना है कि साहित्यिक मंचों पर डॉ त्रिवेदी के बिना बड़ा सूनापन नजर आता है। इधर, कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने डॉ. त्रिवेदी को आदरणीय गुरु और पिता तुल्य बताते हुए उनको भावपूर्ण नमन किया। लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य संजय शर्मा ने डॉ. त्रिवेदी की सादगी, विनम्रता, विद्वता और कवि हृदय गुणों का स्मरण करते हुए अपने श्रद्धा भाव व्यक्त किए। भाजपा के वरिष्ठ नेता विवेक खंडूरी ने डॉ. त्रिवेदी को महान शिक्षाविद, विद्वान और श्रेष्ठ कवि के रूप में याद किया। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in