आरोपों की जांच प्रमुख सचिव आनंदवर्धन करेंगे
देहरादून, 15 जनवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ही उत्तराखंड भाजपा के लिए समस्या का कारण बन रहे हैं। जहां वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रहमण्यम स्वामी ने प्रदेश सरकार पर उंगली उठाई वहीं मेनका गांधी के एक पत्र ने उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड के एक मामले को उछाल दिया है। मेनका गांधी ने वित्तीय अनियमितताओं का मामला उठाया था, जिसकी जांच के लिए अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को कहा गया था। व्यस्तता का बहाने लेकर उन्होंने जांच से हाथ खड़े कर दिए। अब इसकी जांच प्रमुख सचिव आनंदवर्धन को सौंपी गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद मेनका गांधी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर कहा है किउत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में भारी वित्तीय अनियमिताएं हैं। उन्होंने उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड के अधिकारियों पर विश्व बैंक से तीन हजार करोड़ रुपये का ऋण लेकर सरकारी धन की बंदरबांट करने का आरोप लगाया है। गांधी के आरोपों के अनुसार ऑस्ट्रेलिया से बूढ़ी मेरिनो भेड़ों का खरीदारी, बिना पद सृजन के प्रति नियुक्ति पर अधिकारियों की तैनाती, ढाई लाख रुपये के वेतन पर सलाहकार की नियुक्ति और 13 लाख रुपये की महंगी कार की खरीदारी भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने इस पत्र का संज्ञान लेते हुए उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं। अब मनीषा पंवार के स्थान पर प्रमुख सचिव आनंदवर्धन इस प्रकरण की जांच करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती /मुकुंद-hindusthansamachar.in