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हेमकुंड साहिब, लोकपाल, घांघरिया को ईको सेंसिटिव जोन से बाहर करने पर लोग खुश

जोशीमठ, 29 मई (हि.स.)। हेमकुंड साहिब, लोकपाल मंदिर और घांघरिया अब फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के ईको सेंसिटिव जोन से बाहर हो गए हैं। कैबिनेट तीनों स्थलों के साथ ही इनके पहुंच मार्ग को ईको सेंसिटिव जोन से बाहर करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा चुकी है। सेंसिटिव जोन का क्षेत्रफल लगभग 108.23 वर्ग किलोमीटर तय किया गया है। अब राज्य यह प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा और फिर केंद्र ही इस संबंध में अधिसूचना जारी करेगा। विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के प्रस्तावित ईको सेंसिटिव जोन में पहले घांघरिया, हेमकुंड साहिब व लोकपाल मंदिर को भी शामिल किया गया था। बाद में इसे लेकर हुई जनसुनवाई के दौरान क्षेत्रवासियों ने इन तीनों स्थलों को सेंसिटिव जोन से बाहर करने का आग्रह किया। उनका कहना है कि हेमकुंड साहिब और लोकपाल मंदिर में हर साल ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। ये सभी घांघरिया से होकर इन स्थलों के लिए पहुंचते हैं। ताजा प्रस्ताव पर मुहर लगने से भ्यूडार वैली में खुशी का माहौल है। वैली के लोग दो साल से बेदखली के नोटिस से पेरशान थे। ग्रामीणों ने इसके लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और स्थानीय विधायक महेन्द्र भट्ट का आभार जताया है। प्रबन्धक हेमकुंड साहिब मैनेजमेन्ट ट्रस्ट सहित कुल 49 लोगों को बेदखली का नोटिस थमाया गया था। ग्रामीणों का मानना है कि राज्य सरकार गंभीर है। अब केंद्रीय पयार्ववरण मंत्रालय में ठीक से पैरवी होगी। भ्यूडार के प्रधान शिवराज सिंह चाौहान, वन पंचायत सरपंच संजय चाौहान, पूर्व संरपच विजेन्द्र चाौहान, पूर्व प्रधान प्रताप सिंह चाौहान, जगदीश चाौहान,रघुबीर सिह चैाहान और दिनेश झिक्वांण आदि ने इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और विधायक महेन्द्र भट्ट का आभार जताया है। विधायक भट्ट ने भी कैबिनेट के इस फैसले पर खुशी जताई है। हिन्दुस्थान समाचार/प्रकाश कपरूवाण

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