पंचायती राज मंत्री ने ग्राम प्रधानों से की वीडियो कान्फ्रेंसिंग, कोरोना काल में उनकी भूमिका को सराहा
पंचायती राज मंत्री ने ग्राम प्रधानों से की वीडियो कान्फ्रेंसिंग, कोरोना काल में उनकी भूमिका को सराहा

पंचायती राज मंत्री ने ग्राम प्रधानों से की वीडियो कान्फ्रेंसिंग, कोरोना काल में उनकी भूमिका को सराहा

देहरादून, 11 जून (हि.स.)। उत्तराखंड के पंचायतीराज मंत्री अरविंद पांडेय ने आज प्रदेश के 500 आईसीटी विद्यालय के माध्यम से ग्राम प्रधानों से विभिन्न विषयों पर संवाद किया। इस संवाद में राज्य के लगभग 5000 प्रधान एवं पंचायती राज विभाग के कार्मिक उपस्थित थे। सभी ग्राम प्रधानों को उनके द्वारा कोरोना महामारी के दौरान अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों में स्थापित एकांतवास केंद्रों में प्रवासियों की सेवा करने के लिए मंत्री ने ग्राम प्रधानों की सराहना की और इस कर्तव्य परायणता के लिए उन्हें बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान इस महामारी के दौर में बाहर से आए लोगों को प्रवासी न समझें बल्कि यह समझें कि ये लोग भी गांव के भाई-बहन और सगे सम्बन्धी हैं। मंत्री ने सभी जनपदों के प्रधानों से उनकी दिक्कतों के बारे में बातचीत की। उन्होंने मंत्री को अवगत कराया कि कोरोना के इस दौर में पूरी निष्ठा के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं, इसलिए उन्हें भी कोरोना वॉरियर घोषित किया जाए और उनका बीमा भी कराया जाए। मंत्री ने आश्वासन दिया कि हालात सामान्य होते ही सभी ग्राम प्रधानों का प्रशिक्षण कराया जाएगा। मंत्री ने बताया कि मौजूदा समय में प्रदेश में 500 आईसीटी विद्यालय स्थापित किए गए हैं तथा जल्दी लगभग 500 और स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू पीएफएमएस ऑनलाइन प्रक्रिया में तकनीकी समस्याओं के कारण भुगतान करने में कठिनाई हो रही है। उन्होंने निदेशक, पंचायती राज को तत्काल समस्या के समाधान के लिए निर्देशित किया। प्रधानों द्वारा ग्राम पंचायतों की विभिन्न समस्याओं जैसे विद्यालयों में शिक्षकों की रिक्ति, स्वास्थ्य सेवा, रोजगार और इंटरनेट की समस्या आदि से भी मंत्री को अवगत कराया गया। कई ग्राम प्रधानों ने पंचायत घर ना होने तथा क्षतिग्रस्त होने के कारण ही पंचायत और अन्य कार्यो के संचालन में कठिनाइयों के बारे में भी जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 14वें वित्त की शेष राशि एवं 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत अन्य टाइड फंड की धनराशि एवं 50% मनरेगा की धनराशि से ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण एवं मरम्मत कार्य किए जा सकते हैं। 15वें वित्त आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार पंचायतों को मिलने वाली धनराशि के 50% से ओडीएफ स्थिति के रखरखाव एवं स्वच्छता तथा पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संरक्षण तथा जल पुनर्चक्रण के कार्यों हेतु प्रयोग में लाया जाए। शेष 50% धनराशि को स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप उपयोग किया जा सकता है। इस अवसर पर पंचायती राज निदेशक हरीश चंद्र सेमवाल द्वारा पंचायती राज अधिनियम से संबंधित विभिन्न प्रावधानों केंद्र सरकार द्वारा पंचायतों में लागू ग्राम स्वराज पोर्टल तथा वित्तीय नियमों से संबंधित प्रावधानों के साथ-साथ कई जानकारियां दी गईं। उन्होंने ग्राम प्रधानों को आश्वस्त किया कि यथाशीघ्र पंचायती राज व्यवस्था के संबंध में सभी नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण का कार्य प्रारंभ कराया जाएगा। ऑनलाइन प्रशिक्षण संबंधी माड्यूल विभाग के पोर्टल वेबसाइट पर भी अपलोड किए जाएंगे, जिससे त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था से संबंधित सभी पक्ष अपने-अपने मोबाइल फोन के माध्यम से भी इसकी अद्यतन जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। मंत्री द्वारा निदेशक, पंचायती राज को निर्देश दिए गए कि जल्द ही निदेशालय में एक हेल्प डेस्क की स्थापना की जाए, जिस पर त्रिस्तरीय पंचायती राज के जनप्रतिनिधि पंचायती राज एक्ट के विभिन्न प्रावधानों के साथ-साथ अपने पदेन दायित्वों के निर्वहन में आ रही समस्याओं के निदान के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकें। मंत्री द्वारा सभी प्रधानों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए अपेक्षा की गई कि भविष्य में इसी मनोबल से कार्य करते रहेंगे। इस मौके पर पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे के साथ अपर सचिव एवं निदेशक पंचायती राज हरीश चंद्र सेमवाल, अपर निदेशक शिक्षा मुकुल सती एवं डीपी देवरानी सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक पंचायती राज एवं अन्य विभागीय अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/दधिबल-hindusthansamachar.in

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