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छावनी परिषद की दुकानों को 15 दिन के भीतर खाली करने का नोटिस

नैनीताल, 11 अप्रैल (हि.स.)। छावनी परिषद ने एक बार पुनः नगर के भवाली रोड पर स्थित अपनी दुकानों के कब्जेदार दुकानदारों को अतिक्रमणकारी मानते हुए नोटिस चस्पा कर 15 दिन के भीतर दुकानें खाली करने को कहा है। इससे दुकानदारों में भविष्य के प्रति चिंता उत्पन्न हो गई है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष भी ऐसे ही नोटिस दिए गए थे। तब क्षेत्रीय सांसद अजय भट्ट ने 26 जनवरी को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर स्थानीय लोगों के रोजगार का वास्ता देकर छावनी परिषद की ओर से कार्रवाई रोकने का आश्वासन दिया था। बताया गया है कि भवाली रोड में उनकी 20 दुकानें लीज पर दी गई थीं। लीज समाप्त होने पर 1987 में पहली बार छावनी परिषद की ओर से दुकानदारों को बेदखली का नोटिस दिया गया था। तब से मामला सिविल न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट और कि सुप्रीम कोर्ट तक भी गया और वहां से निर्णय भी आए। इन निर्णयों को छावनी परिषद अपने और दुकानदार अपने पक्ष में बताते हैं। कैंट सीईओ का कहना कि सभी न्यायालयों से प्रत्यक्ष तौर पर दुकानें खाली कराने का आदेश नहीं है, लेकिन निर्णय में उल्लेख है कि उक्त लोग किरायेदार नहीं बल्कि लाइसेंसधारक हैं जिनको छावनी परिषद के नियमों के आधार पर निकाला जा सकता है। इधर, पिछले कुछ वर्षों से छावनी परिषद एक्ट 2006 की धारा 267 के तहत हर तीन से पांच साल में सरकारी संपत्ति की नीलामी अनिवार्य हो गई है। इन्हीं नियमों के तहत छावनी परिषद इन 20 दुकानों की नीलामी करना चाहता है। प्रभावित दुकानदारों का कहना है कि छावनी परिषद को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। यह भी बताया गया है कि 2008-09 से कुछ दुकानदारों ने छावनी परिषद को दुकानों का वार्षिक देना बंद कर दिया था, कुछ समय बाद किराया देना शुरू कर दिया, लेकिन 2013 के बाद छह दुकानदारों को छोड़ अन्य ने सालाना शुल्क जमा नहीं किया है जो कि सभी 20 दुकानदारों पर करीब 70-80 लाख रुपये बनता है। हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.नवीन जोशी/मुकुंद

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