छोटे मंदिरों, आश्रमों को दी जाए आर्थिक मददः नरेंद्र गिरि
छोटे मंदिरों, आश्रमों को दी जाए आर्थिक मददः नरेंद्र गिरि

छोटे मंदिरों, आश्रमों को दी जाए आर्थिक मददः नरेंद्र गिरि

हरिद्वार, 19 जुलाई (हि.स.)। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने राज्य सरकार से अपील करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से देशवासियों के लिए खोली जाए। सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन कराते हुए श्रद्धालुओं को यात्रा पर आने की अनुमति दी जाए। प्रेस को जारी बयान में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा कि चारधाम यात्रा व अन्य धार्मिक आयोजनों पर पाबंदी होने के कारण मठ मंदिरों में रहने वाले साधु संतों, पुजारियों की दशा अत्यन्त खराब हो गयी है। अधिकांश मठ- मंदिरों में साधु -संतों को भोजन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पुजारियों के सामने भी परिवार के पालन-पोषण का संकट है। इतना ही नहीं मंदिरों मे प्रतिदिन होने वाली आरती पूजन के लिए प्रयोग होने वाली सामग्री तक का संकट मंदिरों में खड़ा हो गया है। भारत साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज से मांग की है कि हरिद्वार के मंदिरों के पुजारियों व आश्रमों के लिए अखाड़ा परिषद सरकार से खाद्य सामग्री व आर्थिक मदद की मांग करें। यात्री व पर्यटन पर निर्भर रहने वाले साधु- संतों व पुजारियों के सामने खाने तक का संकट गहरा गया है। श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे सरकार से हरसंभव मदद दिलाने का प्रयास करेंगे। श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने कहा कि धर्मनगरी हरिद्वार के छोटे बड़े मठ मंदिरों, आश्रमों में हजारों साधु-संत निवास करते हैं। बाहर से आने वाले यात्रियों से मिलने वाले दान पर ही मठ, मंदिरों, आश्रमों की व्यवस्थाएं चलती हैं। लेकिन कोरोना के चलते लगाई गयी पाबंदियों के कारण यात्री नहीं आ पा रहे हैं। जिससे मठ, मंदिरों, आश्रमों की पूरी व्यवस्था प्रभावित हो रही है। मठ, मंदिरों, आश्रमों में भोजन तक की समस्या उत्पन्न हो रही है। ऐसे में या तो सरकार नियमों के तहत चारधाम यात्रा व अन्य धार्मिक गतिविधियां संचालित करने की अनुमति दे या फिर सरकारी स्तर पर धार्मिक संस्थानों को आर्थिक व खाद्यान्न के रूप में मदद उपलब्ध कराए। यदि समय से मदद नहीं मिली तो आश्रम, अखाड़ों में रहने वाले संतों के सामने भूखों मरने की नौबत आ जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक ओर सभी सरकार संस्थान खोल दिए हैं लेकिन यात्रा व धार्मिक क्रियाकलापों पर प्रतिबंध जारी रखे हुए है, जिसका नकारात्मक असर सामने आ रहा है। कांवड़ यात्रा पूर्ण रूप से बंद होने के कारण व्यापारी वर्ग को भी आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। सरकार चाहती तो नियमों का पालन कराते हुए कांवड़ यात्रा संचालित कर सकती थी। उन्होंने कहा कि सरकार के दिशा निर्देशों का पालन आम जनमानस को करना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in