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ट्रंप की तरह हठधर्मिता कर रहे हैं नरेंद्र गिरीः बाबा हठयोगी

हरिद्वार, 13 फरवरी (हि.स.)। दिगंबर अनी अखाड़े के स्थानीय प्रतिनिधि बाबा हठयोगी दिगंबर ने शनिवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज के बैरागी अखाड़ों को अखाड़ा परिषद के साथ बताने के दावे का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र गिरी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरह हठधर्मिता कर रहे हैं। बैरागी कैंप में श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े में बैरागी संतों की बैठक के बाद बाबा हठयोगी दिगंबर ने मीडिया से कहा है कि तीनों वैरागी अनी अखाड़े स्वेच्छा से अखाड़ा परिषद से अलग हुए हैं। अब अखाड़ा परिषद का कोई अस्तित्व नहीं है। अगले चुनाव तक अखाड़ा परिषद का न तो कोई अध्यक्ष है और न ही कोई महामंत्री। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद चार संत संप्रदाय संन्यासी, बैरागी, उदासीन एवं निर्मल के योग से गठित होती है। यदि एक भी संप्रदाय अखाड़ा परिषद से अलग होता है तो परिषद की कार्यकारिणी स्वयं ही भंग हो जाती है। अखाड़ा परिषद का कोई लिखित संविधान नहीं है। 1954 में गठित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की सभी गतिविधियां मौखिक चल रही हैं। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य महाराज ने कहा कि बैरागी संतों की उपेक्षा के कारण अखाड़ा परिषद से समर्थन वापस लिया गया है। अखाड़ा परिषद के चुनाव होने तक बैरागी अखाड़े अपनी सारी व्यवस्था अपने अनुरूप करेंगे। और बैरागी संत किसी को भी अध्यक्ष और महामंत्री नहीं मानेंगे। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के सचिव महंत रामशरण दास महाराज ने कहा है कि बैरागी संतों की उपेक्षा लंबे समय से अखाड़ा परिषद एवं मेला प्रशासन द्वारा की जा रही है। इससे क्षुब्ध होकर बैरागी अनियों द्वारा यह निर्णय लिया गया। महंत दुर्गादास एवं महंत प्रह्लाद दास महाराज ने कहा कि वैरागी अनी अखाड़ों के संतों द्वारा ही स्थानीय प्रतिनिधियों की नियुक्ति की गई है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बेवजह मामले को तूल दे रहे हैं। अखाड़ा परिषद की कार्यकारिणी भंग हो चुकी है। आगामी चुनाव तक अध्यक्ष अथवा महामंत्री पद रिक्त रहेगा। इस दौरान महंत अगस्त दास, महंत सिंटू दास, स्वामी अमित दास, महंत नारायण दास पटवारी, महंत सुमित दास, महंत सूरज दास आदि उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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