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नैनीताल: हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गणतंत्र दिवस

नैनीताल, 26 जनवरी (हि.स.)। जिला एवं मंडल मुख्यालय में देश की स्वतंत्रता का वास्तविक पर्व, जिस दिन से देश ने अपना संविधान अंगीकार किया, गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान नगर में जहां एक ओर सप्ताहांत के साथ सोमवार का अवकाश लेकर जुड़े लंबे अवकाश की वजह से सैलानियों की भरमार से भी रौनक व उत्साहपूर्ण माहौल रहा, वहीं नगर के ऐतिहासिक डीएसए-फ्लैट्स मैदान में आयोजित गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में भारी संख्या में लोग दर्शकदीर्घा और मैदान की सीढ़ियों पर जुटे। अलबत्ता लगातार दूसरी बार न बंदूकों से राष्ट्रध्वज को सलामी दी गई, और न ही विभिन्न विभागों की विकास से संबंधित झांकियां ही परेड में शामिल हुई। सुबह प्रभात फेरी भी नहीं निकली। आयोजन में ध्वनि व्यवस्था ने भी दर्शकों को पूरी तरह से मायूस किया, ऐसे में लोग मुख्य अतिथि का संबोधन शुरू होते ही कुछ न सुनाई देने के कारण कार्यक्रम स्थल से लौटने लगे। कार्यक्रम में कोरोना प्रोटोकॉल केवल चेहरे पर मास्क लटकने तक सीमित रहे। सामाजिक दूरी का पालन होता नहीं दिखा। आयोजन में प्रेस एवं अन्य गणमान्य जनों को आमंत्रित किए जाने की औपचारिकता भी नहीं दिखाई दी। वहीं मुख्य कार्यक्रम में प्रदेश के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने पुलिस परेड का खुली जीप से निरीक्षण किया और परेड की सलामी ली। परेड पुलिस के महिला-पुरुष जवानों की 6 टुकड़ियों ने पुलिस क्षेत्राधिकारी विजय थापा के नेतृत्व में निकली। परेड में एनसीसी के बालक व बालिका कैडेटों की दो टुकड़ियों, डॉग स्क्वॉड, सीपीयू, चीता मोबाइल, आशा कार्यकत्रियां व 108 एंबुलेंस सेवा भी शामिल हुई। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। कार्यक्रम के समापन पर एनसीसी के कैडेट मस्ती में थल की बजारा, चैता की चैत्वाला, हवन करेंगे और बोल हीरा बोल आदि गीतों पर झूमते तथा जय हिंद के नारे लगाते नजर आए। सीओ विजय थापा ने कहा कि कोरोना की वजह से अभ्यास के लिए कम समय मिलने एवं कुंभ ड्यूटी में पुलिस कर्मियों के जाने और कम संख्या होने की वजह से राष्ट्रध्वज को बंदूकों की सलामी नहीं दी गई। यहां उल्लेखनीय है कि गत वर्ष भी राष्ट्रध्वज को बंदूकों की सलामी नहीं दी गई थी और विभिन्न विभागों की विकास से संबंधित झांकियां भी परेड में शामिल नहीं हुई थीं। तब कोरोना भी प्रभावी नहीं था, और तब इसका कोई कारण भी नहीं बताया गया था। ऐसे में लोगों के मन में शंका है कि शासन-प्रशासन के मन में राष्ट्रीय पर्वों के प्रति सम्मान कम तो नहीं हो रहा है। इससे पूर्व नगर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भारत रत्त गोविंद बल्लभ पंत, बाबा साहेब अंबेडकर व करगिल शहीद मेजर राजेश अधिकारी के चित्रों पर भी गणमान्य जनों ने माल्यार्पण किया। उत्तराखंड उच्च न्यायालय, कुमाऊं कमिश्नरी, जिला कलक्ट्रेट, डॉ. रघुनंदन सिंह टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी, नगर पालिका, जिला पंचायत सहित अनेक कार्यालयों में भी ध्वजारोहण किया गया। अनेक लोगों ने अपने घरों व प्रतिष्ठानों पर भी राष्ट्रध्वज फहराया। क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो के कलाकारों ने भी इस मौके पर जिला कलक्ट्रेट देशभक्ति के गीत प्रस्तुत किये। जिला सूचना कार्यालय में उपनिदेशक सूचना योगेश मिश्रा की अगुवाई ने गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण किया गया तथा राष्ट्र ध्वज को सलामी देने के साथ संविधान की शपथ ली गई। इस अवसर पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उप निदेशक मिश्रा ने कहा कि हमारा देश धर्म निरपेक्ष देश है, जहां धर्म की आजादी के साथ ही विकास की पूर्ण स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी को हासिल करने में तत्कालीन पत्रकारों, अखबार नवीसों, कवियों, लेखकों, गीतकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वहीं आजाद देश को विकास की धारा में निरंतर आगे बढ़ाने में पत्रकारों एवं मीडिया की भूमिका आज भी सर्वमान्य है। उन्होंने पत्रकार बन्धुओं से अपील की कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन रचनात्मक एवं स्वस्थय पत्रकारिता के माध्यम से निरंतर करते रहें। इस अवसर पर उन्होंने सभी पत्रकार बन्धुओं को शुभकामनाऐं भी दी। हिन्दुस्थान समाचार/नवीन जोशी-hindusthansamachar.in

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