विजय दिवस पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और स्पीकर ने करगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की
विजय दिवस पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और स्पीकर ने करगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की

विजय दिवस पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और स्पीकर ने करगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की

देहरादून, 25 जुलाई (हि.स.)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने करगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन करते हुए वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। अपने संदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखंड में सैनिकों की वीरता व बलिदान की लंबी परम्परा रही है। करगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखंड के सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने करगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। करगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है। विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है। पूर्व सैनिकों/वीरांगनाओं और उनके आश्रितों को स्वावलम्बी बनाने के लिए सभी जिलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सैनिकों व पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश स्तर पर अपर मुख्य सचिव नोडल आफिसर है, जबकि प्रत्येक जनपद में सैनिकों व पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए अपर जिला अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने संदेश में सशस्त्र सेनाओं के वीर सैनिकों एवं प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए देश की रक्षा में अपना सर्वस्व समर्पण करने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि करगिल युद्ध के दौरान मातृभूमि के स्वाभिमान व गौरव की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले मां भारती के अमर सपूतों की शहादत को कोटि-कोटि नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि करगिल विजय दिवस हमें देश के लिए शहीद हुए जांबाज सैनिकों की वीरता, पराक्रम, शौर्य और बलिदान की याद दिलाता है। उनकी शौर्य गाथाओं से देश सदैव प्रेरणा लेता रहेगा। अग्रवाल ने कहा कि हम उनके परिवार-जनों के प्रति सदैव ऋणी रहेंगे। अग्रवाल ने कहा कि 26 जुलाई, 1999 को भारत ने करगिल युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक विजय हासिल की थी। उत्तराखंड में वीरता व बलिदान की लंबी परम्परा रही है। करगिल युद्ध में भी बड़ी संख्या में उत्तराखंड के सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। हिन्दुस्थान समाचार/दधिबल/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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