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कृषि अवसंरचना निधि के लक्ष्यों को पूरा करेंःमुख्य सचिव

- अच्छा कार्य के लिए तीन जनपदों को किया जाएगा सम्मानित देहरादून, 23 फरवरी (हि.स.)। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कृषि अवसंरचना निधि के लक्ष्यों को वित्तीय वर्ष में पूरा करने के लिए जिलाधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। सभी जनपदों से अपने प्रस्तावों की डीपीआर मार्च 2021 के प्रथम सप्ताह तक प्रस्तुत करने को कहा। मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में कृषि अवसंरचना निधि के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत अच्छा कार्य करने वाले राज्य की तीन जनपदों को विभिन्न मापदण्डों के आधार पर प्रधानमंत्री किसान योजना की द्वितीय वर्षगांठ के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा। इस दौरान मुख्य सचिव ने कृषि अवसंरचना निधि के संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस वित्तीय वर्ष कि लिए निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति के लिए तेजी से कार्य को किया जाए। उन्होंने सभी जनपदों को अपने प्रस्तावों की डीपीआर मार्च 2021 के प्रथम सप्ताह तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा दिए जाए। मुख्य सचिव न ग्रोथ सेंटर्स को डेवलप करने के लिए योजना फोकस करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि हरिद्वार एवं उधमसिंहनगर जनपद में बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए अत्यधिक सम्भावनाएं हैं। इसी ध्यान में रखते हुए काम करना होगा। पौड़ी जनपद को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए दिए गए 1.89 करोड़ रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष 4.67 करोड़ रुपये के प्रस्ताव भेजने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जो जनपद अच्छा कार्य कर रहे हैं, उनके लिए निर्धारित लक्ष्यों को बढ़ाया जाए। बैठक में कृषि सचिव हरबंस सिंह चुघ ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत अच्छा कार्य करने वाले जनपदों राज्य की तीन जनपदों को विभिन्न मापदण्डों के आधार पर प्रधानमंत्री किसान योजना की द्वितीय वर्षगांठ के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा। पर्वतीय राज्यों की श्रेणी के लिए जनपद उधमसिंहनर, जनपद नैनीताल एवं देहरादून को सम्मानित किया जाएगा। सचिव चुघ ने बताया कि कृषि अवसंरचना निधि के तहत फसलों की कटाई के बाद फसलों के प्रबन्धन अवसंरचना और सामुदायिक खेती की सम्पत्ति के लिए गोदामों, छंटाई-ग्रेडिंग इकाइयां, पैक हाउसों का निर्माण, लॉजिस्टिक्स और कोल्ड चेन, वेयर हाऊसों की स्थापना आदि के लिए ऋण सुविधा प्रदान की जाती है। योजना में ऋण पर ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट की सुविधा 7 वर्षों तक उपलब्ध रहेगी। 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए ऋण गारण्टी लागत सरकार द्वारा व्यय की जाएगी। इस वित्तीय वर्ष के लिए उत्तराखण्ड राज्य के लिए 157 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार एवं कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी जनपदों से जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/मुकुंद

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