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श्रद्धापूर्वक मनाई गई भगवान परशुराम की जयंती

हरिद्वार, 14 मई (हि.स.)। अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद ने शुक्रवार कोरोना गाइडलाइन के दायरे में पूरे देश में भगवान परशुराम की जयंती मनाई। उत्तराखण्ड में श्री भगवान परशुराम जन्मोत्सव अक्षय तृतीया के अवसर पर प्रदेश के सभी जनपद, ब्लॉक एवं गांवों में वैदिक मन्त्रोच्चारण से विधि पूर्वक अपने घरों में हवन, पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलित कर मनाया गया। परिषद के प्रदेश संयोजक बालकृष्ण शास्त्री और प्रदेश अध्यक्ष मनोज गौतम ने कनखल स्थित प्रदेश कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से भगवान परशुराम जी के चित्र पर दीपार्चन व माल्यार्पण कर प्रार्थना की। दोनों ने कहा कि कोरोना महामारी में जो भी स्त्री, पुरुष एवं बच्चे असमय ही काल के गाल में समा गये हैं ईश्वर उनके परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे और इस महामारी से विश्व के समस्त प्राणियों को निजात दिलाए। इस मौके पर परिषद के मार्गदर्शक एवं संरक्षक पं. जुगुल किशोर तिवारी ने सभी को फेसबुक पेज के माध्यम से सन्देश दिया। तिवारी ने कहा कि भगवान परशुराम ने अपनी शक्ति का प्रयोग सदैव कुशासन के विरुद्ध किया। निर्बल और असहाय समाज की रक्षा की। इसके अलावा तीनों बैरागी अनी अखाड़े के संतों ने भगवान परशुराम की जयंती धूमधाम से मनाई। तीनों वैष्णव अखाड़ों की ओर से श्री ज्ञान गंगा गौशाला के अध्यक्ष महंत रामदास महाराज को भगवान परशुराम का अस्त्र फरसा भेंट किया गया। बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि भगवान परशुराम वीरता के साक्षात उदाहरण थे। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि भगवान परशुराम मानव कल्याण के लिए वर्तमान में भी तपस्या में लीन है। शास्त्र एवं शस्त्र के महान गुरु परशुराम परम तपस्वी एवं तेजस्वी हैं। श्रीपंच दिगम्बर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रामकृष्ण दास महाराज ने कहा कि जन-जन के आराध्य व हिंदू समाज के गौरव भगवान परशुराम के जीवन से प्रेरणा लेकर सभी को मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत

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