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उत्तराखंड के लोकभाषा उत्थान के लिए साहित्यकारों को किया जाएगा सम्मानित

देहरादून, 16 अप्रैल (हि.स.)। भाषा, पुनर्गठन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) यतीश्वरानन्द ने उत्तराखण्ड में प्रचलित मुख्य भाषाओं तथा लोक भाषाओं के उत्थान के साथ-साथ उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित करने को लेकर गम्भीरता से प्रयास करने के निर्देश दिए। शुक्रवार को विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में विभागीय मंत्री ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों से उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की प्रबन्ध कार्यकारिणी एवं साधारण सभा के गठन के सम्बन्ध में अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने इसका तत्काल प्रस्ताव तैयार करते हुए कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान अधिनियम-2018 के अधीन पद सृजन/पुर्नगठन इत्यादि के सम्बन्ध में भी तत्काल प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। मंत्री ने उत्तराखण्ड की मुख्य भाषाओं और लोक भाषाओं के 100 उत्कृष्ट साहित्यकारों को बड़े मंच पर सम्मानित करने को कहा। उन्होंने कहा कि एक माह में साहित्यकार सम्मान योजना को पुर्नजीवित करते हुए कोविड-19 के दिशा निर्देशों के अनुरूप साहित्यकार सम्मान का आयोजन किया जाए। मंत्री ने विभिन्न भाषाओं के विशेषज्ञों तथा इस क्षेत्र में उत्कृष्ट साहित्य रचना अथवा भाषा उत्थान के सम्बन्ध में बेहतर प्रयास करने वाले विद्धानों को भाषा संस्थान की प्रबन्ध कार्यकारिणी एवं साधारण सभा में सलाहकार के तौर पर नियुक्त करने को कहा। उन्होंने कुमाॅऊ तथा गढ़वाल दोनों मण्डलों में भाषा विभाग की डिजिटल लाइब्रेरी (ऑनलाइन पुस्तकालय) के भवन के लिए सचिव भाषा संस्थान तथा भाषा निदेशक को भूमि चयन के निर्देश दिए। जिसमें (डिजिटल लाइब्रेरी) उत्तराखण्ड में प्रचालित मुख्य भाषाओं के साथ-साथ गढ़वाली, कुमाऊॅनी और जौनसारी का साहित्य सृजन संकलित हो। मंत्री ने हर वर्ष हिन्दी, पंजाबी, उर्दू तथा गढ़वाली, कुमाऊॅनी और जौनसारी जैसी लोक भाषाओं के उत्कृष्ट चार साहित्यकारों को बड़े मंच पर पुरस्कृत करने तथा मुख्य भाषाओं और लोक भाषाओं के कम-से-कम 100 साहित्यकारों को सम्मानित करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने लोक भाषा के उत्थान तथा उसके प्रचार-प्रसार के लिए लगातार विशेष प्रयास करने और भाषा-बोली को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा मंत्री से भी आवश्यक सहयोग के लिए प्रस्ताव बनाने के अधिकारियों को निर्देश दिए। मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि बोली भाषा के उत्थान तथा साहित्यकारों के सम्मान से सम्बन्धित जो भी प्रकरण कैबिनेट के सम्मुख प्रस्तुत किये जाने हैं, उन पर तेजी से कार्य करें। आज हुई समीक्षा बैठक पर उचित प्रगति के सम्बन्ध में एक सप्ताह में पुनः समीक्षा बैठक आयोजित करने को कहा। बैठक में सचिव उत्तराखण्ड भाषा संस्थान विनोद रतूडी, निदेशक भाषा संस्थान रणवीर सिंह चौहान, वित्त नियंत्रक सुनील कुमार, संयुक्त सचिव वीरेन्द्र पाल, उप निदेशक पंजाबी अकादमी जसविंदर कौर सहित सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

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