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वामपंथी दलों ने चमोली आपदा के मृतकोंं के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा देने की मांग की

केदारनाथ आपदा से सरकारों ने नहीं लिया कोई सबकः वामपंथी गोपेश्वर, 11 फरवरी (हि.स.)। उत्तराखंड में केदारनाथ त्रासदी के बाद अब चमोली जिले के रैणी क्षेत्र में हुई प्राकृतिक आपदा की दूसरी बड़ी घटना है। लेकिन सरकारों ने केदारनाथ आपदा से कोई सबक नहीं लिया। वामपंथियों ने इसके लिए सरकारों को गैर जिम्मदार बताते हुए आगे ऐसी बड़ी त्रासदी रोकने पर ध्यान देने की मांग की है। गुरुवार को वामपंथियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेज गये ज्ञापन में आपदा में मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है। गुरुवार को सीटू के जिलाध्यक्ष मदन मिश्रा, जनवादी महिला समिति की सचिव गीता बिष्ट, किसान सभा के उपाध्यक्ष भूपाल सिंह रावत, सचिव ज्ञानेंद्र खंतवाल व डीवाईएफआई के गजे सिंह बिष्ट ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया कि लगातार बढ़ रही मानवीय भूल की घटनाओं से सबक लिये जाने की आवश्यकता है। ताकि जानमाल की रक्षा की जा सके। ज्ञापन में0 कहा कि सरकार ने तपोवन क्षेत्र की घटना में मृतकों के परिवारों को जो सहायता राशि देने का ऐलान किया है वह कम है। सरकार को प्रत्येक मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता देने के साथ ही एनटीपीसी में रोजगार दिया जाना चाहिए। ज्ञापन में सामान्य घायलों को दो लाख तथा गंभीर घायल को पांच लाख रुपये की सहायता देने की मांग की गई है। वामपंथी नेताओं ने प्रभावित ग्रामीणों का स्थायी पुनर्वास, आधुनिक तकनीकी का उपयोग करते हुए प्राकृतिक आपदाओं से पूर्व अलर्ट करने की व्यवस्था, ग्रामीणों की आपदा में क्षतिग्रस्त भूमि के बदले भूमि देने की भी मांग की है। हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश-hindusthansamachar.in

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