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बैरागी संतों की लगातार उपेक्षा कर रहा है कुंभ मेला प्रशासनः राजेंद्र दास महाराज

हरिद्वार, 28 जनवरी (हि.स.)। श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा है कि कुंभ मेला प्रशासन बैरागी संतों की लगातार उपेक्षा कर रहा है। मूलभूत सुविधाओं के नाम पर कोई चीज दिखाई नहीं दे रही है। यह बड़े दुख की बात है। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने एक बयान में कहा कि शहरी विकास मंत्री एवं मुख्यमंत्री सभी जगह का निरीक्षण करते हैं लेकिन कनखल और बैरागी कैंप में भ्रमण को नहीं आते। बैरागी कैंप क्षेत्र में लाइट की अखाड़ों के लिए कोई स्थाई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि वैष्णव संतो के साथ अन्याय हो रहा है। सभी अखाड़ों को सरकार द्वारा कुंभ मेले के लिए धनराशि दी जा रही है लेकिन तीनों बैरागी अखाड़ों को अभी तक धनराशि नहीं दी गई है। साथ ही उसके लिए नियम, कानून बनाए जा रहे हैं कि बैरागी अखाड़े किसी भी प्रकार का स्थाई निर्माण नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि बैरागी कैंप सदैव बैरागी संतों की भूमि था और रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ साधु-संत आपस में फूट डालकर बैरागी कैंप में वैष्णव संत ना बसें इसलिए अपना अधिकार जमा कर अतिक्रमण करते जा रहे हैं। इस विषय पर अखाड़ा परिषद ने भी निर्णय रुख नहीं अपनाया है। अधिकारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला किसी एक दल का नहीं है। वैष्णव संत कुंभ मेले का मुख्य अंग होते हैं। इसलिए बैरागीयों के साथ दुराचार व दुर्व्यवहार ना करके तुरंत मैदानी स्तर पर कार्य पूर्ण किए जाए। इसकी मांग पहले भी बैरागी संतों ने 1 फरवरी तक पूरा करने के लिए की थी। उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन दिमाग में यह बात बैठा ले गंगा किनारे लोग अवैध कब्जा जमाए बैठे हैं और बैरागी कैंप में रोज अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। इतने सालों से अनाधिकृत कब्जों को नहीं हटाया गया हैं। अखाड़ा परिषद के साधु-संत मिले हुए हैं जिन्होंने अपने आश्रम, भवन बना लिए हैं। संत समाज जागृत हो वरना यदि उनका पतन होगा तो उससे पहले सभी का पतन होगा। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत-hindusthansamachar.in

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