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कपिल द्वार एवं शंकराचार्य द्वार का उद्घाटन

हरिद्वार, 03 अप्रैल (हि.स.)। म.मं.स्वामी चिदम्बरनन्द सरस्वती द्वारा निर्मित शकराचार्य द्वार एवं कपिल द्वार का निर्वाण पीठाधीश्वर स्वामी विशोकानंद भारती, अटल पीठाधीश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत रविन्द्र पुरी ने नारियल तोड़कर उद्घाटन किया। बंगाली मोड़ पर द्वार का उद्घाटन करते हुए निर्वाण पीठाधीश्वर स्वामी विशोकानंद भारती ने कहा कि कुंभ भारतीय सनातन संस्कृति का शिखर उत्सव है। आद्य शंकराचार्य द्वारा स्थापित अखाड़ा परंपरा का पालन करते हुए संत समाज कुंभ मेले के माध्यम से देश दुनिया में धर्म संदेश प्रसारित करता है। उन्होंने कहा आद्य शंकराचार्य एवं महर्षि कपिल की स्मृति में द्वार का निर्माण करने वाले म.म.स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती बधाई के पात्र हैं। अटल पीठाधीश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि शंकराचार्य द्वार एवं महर्षि कपिल द्वार से कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को प्रेरणा मिलेगी। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेले के दौरान पतित पावनी मां गंगा के अमृत समान जल में जो श्रद्धालु भक्त आस्था की डुबकी लगा लेता है उसके जन्म जन्मांतर के पापों को शमन हो जाता है। वह जीवन भवसागर से पार हो जाता है। म.म.स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि देश -दुनिया को कुंभ मेला सनातन संस्कृति का दर्शन कराता है। कुंभ मेला हिंदू संस्कृति का वाहक भी है। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद

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