हरीश रावत दूसरों के बयानों में रुचि लेने की बजाय अन्य गलतियों के लिए भी माफी मांगेंः सतपाल महाराज
हरीश रावत दूसरों के बयानों में रुचि लेने की बजाय अन्य गलतियों के लिए भी माफी मांगेंः सतपाल महाराज

हरीश रावत दूसरों के बयानों में रुचि लेने की बजाय अन्य गलतियों के लिए भी माफी मांगेंः सतपाल महाराज

जल संसाधन मंत्री रहते ग्लेशियरों की स्टडी में क्यों नहीं ली रुचि देहरादून, 19 जुलाई (हि.स.)। उत्तराखंड के पर्यटन धर्मस्व संस्कृति व सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि दूसरों के बयानों में रुचि लेने और नसीहत देने की बजाय कांग्रेस नेता हरीश रावत को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। उन्होंने गंगा को नहर बताने की गलती करने की माफी तो मांग ली है लेकिन वह यह भी बताएं कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान और कितनी गलतियां की हैं। सतपाल महाराज ने रविवार को यहां कहा कि गंगा की बजाय हरीश रावत ने प्रॉपर्टी डीलरों को महत्व देकर गंगा को नहर बना दिया, जिससे उनकी मानसिकता और ज्ञान का पता स्वतः ही चल जाता है। महाराज ने कहा कि हालांकि उन्होंने माफी मांगी है परन्तु गंगा मां ने उन्हें दंड तो दे ही दिया। वह दो जगह से चुनाव लड़े और दोनों जगह से हार गए। उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं होता कि मुख्यमंत्री सड़क पर बैठकर जलेबियां खाता हो, पान की दुकान में पान खाता हो, लोगों के कंधे पर हाथ रखता हो, कान के नजदीक मुंह ले जाकर यह जताने की कोशिश करता हो कि वह उनका कितना खासमखास है। इस प्रकार की आडंबरी राजनीति कर रायता फैलाने वाले कांग्रेसी नेता हरीश रावत क्या इस बात का जवाब देगें कि जब वह केन्द्र में जल संसाधन मंत्री थे तो उन्होंने ग्लेशियरों की स्टडी करवाने में रुचि क्यों नहीं दिखाई। सतपाल महाराज ने कहा कि हरीश रावत जब केंद्रीय जल संसाधन मंत्री थे उस समय पहाड़ के ग्लेशियरों का अध्ययन होना चाहिए था। यदि वह ग्लेशियरों का अध्ययन करवाते तो हम 2013 की त्रासदी को भी पलट सकते थे। महाराज ने कहा कि आज उन्होंने इंडियन हाइड्रोलॉजिक के तहत एक सेक्शन बनाकर इसका अध्ययन शुरू कर दिया है। वाडिया इंस्टीट्यूट के भूगर्भ शास्त्री ने 2013 की आपदा से पूर्व चेताया था कि अगर चोराबारी ग्लेशियर फटता है तो पूरी केदारपुरी बह जाएगी लेकिन उनकी चेतावनी को अनदेखा करने साथ-साथ तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री हरीश रावत ने कभी भी ग्लेशियरों का अध्ययन कराने की कोशिश नहीं की, तो क्या वह इस गलती के लिए भी माफी मांगेंगे? महाराज ने कहा जिस व्यक्ति का उत्तराखंड राज्य आन्दोलन से दूर-दूर तक कोई वास्ता न रहा हो, आखिरकार उसे आज रामपुर तिराहे की याद कैसे आ गई। हिन्दुस्थान समाचार/दधिबल/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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