हरि और हर का स्वयं सेतु है हरिद्वारः मोरारी
हरिद्वार, 12 अप्रैल (हि.स.)। जूना अखाड़ा के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद के निमंत्रण पर आयोजित राम कथा का श्रवण कराते हुए मोरारी बापू ने कहाकि रावण वैश्विक समस्या है और हनुमान वैश्विक समाधान हैं। ईश्वर पानी न बनाये तो प्यास पैदा करने का अधिकार नहीं, भूख देने से पहले खुद अन्न के रूप में आ जाते हैं। हमारे जैसे संसारियों को समस्या हो उससे पहले ही वो बंदर, सुंदर, अंदर, बाहर, भीतर, दिन, रात, प्रगट, अप्रगट समाधान बनके आ जाता है। जैसे अशोक वृक्ष के ऊपर हनुमान आ गये थे। उन्होंने कहाकि श्रीराम ने विभीषण के कहने पर समुद्र के तट पर तीन दिन तक अनशन किया। फिर समुद्र केतु की कथा सुनायी। यहां प्रणतपाल, मखपाल, कुलपाल, कुटुंबपाल, धह्मपाल, नृपपाल, सेतुपाल आदि पाल संबंधित शब्द के बारे में उन्होंने बताया। उन्होंने कहाकि हरिद्वार हरि और हर को जोड़ने का सेतु ही है। फिर सेतुबंध रामेश्वर का स्थापन, राम रावण युध्ध, पुष्पक आरूढ़ हो के अयोध्या गमन, सबको एक एक को मिले और वसिष्ठ मुनि के हाथों राम को राजतिलक, सत्ता का सिंहासन खुद सत के पास आया। हरिद्वार में जो कुछ है सब रामचरित मानस में भी है। जैसे हरिद्वार में गंगा है, पहाड़ है, मानस में भी कामद गिरि, विंध्यगिरि, सुमेरु, चित्रकूट आदि पहाड है, तरमगाई है, नीलधारा है, परमार्थ ही परमार्थ है, सब कुछ रामचरित मानस में है इसलिये रामचरित मानस स्वयं जंगम हरिद्वार है। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत