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राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बसंत पंचमी पर की मां सरस्वती की पूजा

ऋषिकेश, 16 फरवरी (हि.स.)। बसंत पंचमी के पावन अवसर पर उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य का परमार्थ निकेतन पहुंचने पर ऋषिकुमारों ने जोदार स्वागत किया। इस दौरान राज्यपाल ने बसंत पंचमी पूजन में सहभाग कर मां सरस्वती की पूजा की और उत्तराखंड की समृद्धि के लिए प्रार्थना की। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने परमार्थ निकेतन में आयोजित पारिवारिक विवाह समारोह में सहभाग कर वर-वधू को शुभ आशीष प्रदान किया। राज्यपाल मौर्य ने कहा कि विगत बसंत पंचमी के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती का पावन सानिध्य प्राप्त हुआ था और इस वर्ष पुनः बसंत पंचमी के अवसर पर मां गंगा के तट पर आने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा गया है। बसंत पंचमी के आते ही प्रकृति में फूल खिलने लगते हैं और नई फसल का आगमन होने लगता है। बसंत के अवसर पर प्रकृति की खूबसूरती अपने चरम पर होती है और उसी खूबसूरती को बनाये रखने के लिये हम सभी को मिलकर अपना योगदान करना चाहिए। इस मौके पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि मां सरस्वती सभी के जीवन में ज्ञान, उल्लास, उमंग, दिव्यता और शान्ति की दिव्य तरंगों का संचार करें। उन्होंने कहा कि बसंत आता है तो बहार लाता है। बसंत आता है तो प्रकृति अपने अद्भुत रंग बिखेरती है जिससे चारों ओर हरियाली और खुशहाली बिखर जाती है। आईये हम भी अपने जीवन को कुछ ऐसा बनायें कि किसी के काम आयें और किसी के जीवन का उजाला बने। हमारा जीवन व शरीर केवल हमारा नहीं है बल्कि इसके निर्माण में हमारे पूर्वजों, माता-पिता, आने वाली पीढ़ियों के साथ समाज और प्रकृति का भी महत्वपूर्ण योगदान है। हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिये प्रकृति, समाज और पूरे ब्रह्मांड पर निर्भर रहना पड़ता है। उसी प्रकार अगर हमारे द्वारा कोई सकारात्मक कार्य किया जाता है तो उसका प्रभाव भी पूरे ब्रह्मांड पर पड़ता है, इसलिये हम स्वस्थ व आनंदित रहें और पूरे ब्रह्मांड को भी स्वस्थ एवं आनंदित रखें। यही बसंत पंचमी हमें संदेश देती है। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम/वीरेन्द्र-hindusthansamachar.in

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