गीता भगवान श्रीकृष्ण की वाणीः विज्ञानानंद
हरिद्वार, 28 दिसम्बर (हि.स.)। गीता विज्ञान आश्रम में 25 दिसम्बर से शुरू गीता जयंती समारोह का सोमवार को समापन हो गया। इस मौके पर महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज की अध्यक्षता में गोष्ठी का आयोजन किया गया।इसमें स्वामी विज्ञानानंद संस्कृत विद्यालय के आचार्य एवं विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती ने कहा कि गीता भगवान श्रीकृष्ण की वाणी है। इसमें संपूर्ण विश्व में संचालित धर्म, जाति एवं सम्प्रदाय से ऊपर उठकर केवल नरः और मानवः जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है। गीता नर को नारायण स्वरूप बनाने वाला एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जो सभी धर्मों का सम्मान करता है और पापी तथा दुराचारियों को भी बिना किसी भेदभाव के मानवता का पथ प्रशस्त करता है। इस दौरान गीता विज्ञान आश्रम ट्रस्ट की ओर से उन्होंने चार दिवसीय समारोह में सहभागिता करने वाले विद्यार्थियों को गीता एवं गायत्री की प्रचार संबंधी पाठ्य सामग्री तथा अंग वस्त्र देकर प्रोत्साहित किया। विचार गोष्ठी में प्राचार्य ,आचार्य तथा विद्यार्थियों के अतिरिक्त सभी आश्रमस्थ संतों और भक्तों ने भी भाग लिया। अंत में फल -प्रसाद और भंडारे से सभी का अंतःकरण पवित्र किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद-hindusthansamachar.in