emphasis-on-the-conservation-of-singing-of-the-mountains-of-the-mountain
emphasis-on-the-conservation-of-singing-of-the-mountains-of-the-mountain

पहाड़ के बेडा गायन के संरक्षण पर जोर

नई टिहरी, 07 मार्च (हि.स.) । संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से विवेक मेमोरियल सुरगंगा संगीत विद्यालय बौराड़ी में ओल्ड बेडा ट्रेडिशनल सांग को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया। संगीत अध्यापक विजय पांडे और लता तिवाड़ी पांडे ने बच्चों को बेडा गायन के गुर सिखाए। अध्यापकों ने इस गायन के संरक्षण पर जोर दिया। बच्चों को बताया गया कि चैत के माह मे बेडा जाति से जुड़े लोग विभिन्न प्रकार के गीतों को गाते थे। वो हमारी संस्कृति के द्योतक हैं। इस संस्कृति को देश-विदेश तक सही रूप में पहुंचाने के लिए पुराने गायन को नये गायन से सांमस्य बिठाकर प्रस्तुत करना होगा। बेडा पहाड़ की संस्कृति का अभिन्न व महत्वपूर्ण अंग रहा है। इस विद्या को संरक्षित करने के लिए शोध कर समझने की जरूरत है। कार्यशाला के आयोजक संगीत विशेषज्ञ डा. विकास फोंदणी ने बताया कि कार्यशाला का मकसद बच्चों को पौराणिक बेडा गायन से परिचय कराना है। इस मौके पर प्रो सुनीता गौदियाल, कुलदीप कुमार, राधा नेगी, हिमानी आदि मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल/मुकुंद

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in