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तीसरी लहर से बचाव के लिए शिक्षण संस्थान चलाएं जन जागरूकता अभियान: त्रिवेंद्र

देहरादून, 04 जून (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों को जन जागरूकता अभियान चलाना होगा। साथ ही कोरोना से निपटने के लिए टीकाकरण में तेजी लाने की आवश्यकता है। शुक्रवार को दून विश्वविद्यालय की ओर से "दून यूनिवर्सिटी एकेडमिक फोरम फॉर कौमबैटिंग कोरोना के अंतर्गत आयोजित फ्राइडे लेक्चर सीरीज के तत्वावधान में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को वर्चुअली संबोधित करते हुए यह बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना की पहली लहर को काफी प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने में हमने सफलता प्राप्त की। राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में इस महामारी के प्रभाव एवं प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए नाकाफी थी। सरकार ने युद्स्तर पर काम किया और कोरोना मृत्कों की संख्या शून्य पर आ गया। उन्होंने कहा कि हमारे व्यवहार में लापरवाही के कारण लगातार घट रहे कोरोना के मरीजों की संख्या फिर से बढ़ने लगी। जिससे दूसरी लहर काफी तेजी के साथ न सिर्फ राज्य में बल्कि देश के प्रत्येक क्षेत्र में फैली। विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों को चाहिए कि वे जन जागरूकता अभियान विद्यार्थियों के माध्यम से संचालित करें एवं वैक्सीन के उपयोग हेतु जनता को जागरूक करें। कोरोना के अनुरूप व्यवहार अपनाना होगा। त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने तीसरी लहर से निपटने के लिए टीकाकरण में तेजी लाने के सुझाव दिए है। सब के लिए टीकाकरण अनिवार्य किया जाए और बच्चों के लिए अलग से वार्ड बनाए जाएं। जहां पर उनके माता-पिता के रहने की व्यवस्था भी हो। उन्होंने बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ कि उत्तराखंड में कमी है जो कि एक परेशानी का कारण है। राज्य विश्वविद्यालयों को कोरोना के संदर्भ में अनुसंधान करना चाहिए ताकि इससे निपटने के लिए सरकार को कारगर योजना बनाने में सहायता मिले। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

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