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प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अंतिम तिथि नहीं बढ़ाने पर शिक्षा सचिव हुईं कोर्ट में पेश

नैनीताल, 05 अप्रैल (हि.स.)। हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति की तिथि नहीं बढ़ाने पर पूर्व में आदेश पारित कर शिक्षा सचिव को सोमवार को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए थे। कोर्ट के आदेश के क्रम में आर मीनाक्षी सुंदरम कोर्ट में पेश हुई। उन्होंने सहायक अध्यापक एलटी भर्ती परीक्षा से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि उन्होंने आवेदन पत्र जमा करने से छूट गए अभ्यर्थियों को शिथिलता बरतने का आश्वासन दिया है। जिस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई के समय उनको कोर्ट में पेशी से छूट दे दी। हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री कार्यालय से इस मामले से जुड़ी सभी याचिकाओं को इस जनहित याचिका से सम्बद्ध करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 अप्रैल की तिथि नियत की। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार पौड़ी गढ़वाल के समाजसेवी अनुपंत ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि जुलाई 2020 में सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) होना था वह जनवरी 2021 में ही हो पाया। परीक्षा के नतीजे फरवरी 2021 में ही आ सके। इस बीच राज्य सरकार द्वारा दिसंबर व जनवरी 2021 में 10 जिलों में 2248 रिक्तियों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया को शुरू कर दी। याचिका में कहा कि जबकि सीटीईटी प्रमाण पत्र जमा करने की अंतिम तिथि दिसंबर 2020 व जनवरी 2021 में ही रख दी। इस वजह से जिन अभ्यर्थियों के नतीजे फरवरी 2021 में आए वह बिना उनकी किसी गलती के उनको आवेदन से वंचित रख दिया गया। सरकार की ओर से कहा गया कि 2021 फरवरी में आए सीटीईटी परिणामों के संबंध में शिथिलता नहीं दी जाएगी। जिसके बाद कोर्ट ने शिक्षा सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं। पूर्व में हाईकोर्ट ने समाजसेवी रवींद्र जुगरान की जनहित याचिका पर असिस्टेंट टीचर एलटी ग्रेड के आवेदकों को राहत देते हुए सीटीईटी सर्टिफिकेट जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया था। हिन्दुस्थान समाचार/ लता नेगी

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