उत्तराखंड
जड़ी-बूटी के महत्व पर चर्चा
हरिद्वार, 06 अप्रैल (हि.स.)। गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के भेषज विज्ञान विभाग में चल रहे औषधीय पादप महाकुम्भ वेबिनार में लवली प्रोफेशलन विश्वविद्यालय के डा. देवेश तिवारी ने एथनोफार्माकालोजी का उपयोग वेद और औषधि के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा दुर्भाग्य से उत्तराखण्ड में जड़ी-बूटी विलुप्त हो रही हैं। विश्व के वैज्ञानिक हर्बल मेडिसन पर जोर दे रहे हैं। जड़ी-बूटियों का संरक्षण जरूरी है। कार्यक्रम के अध्यक्ष गुरुराम राय विश्वविद्यालय देहरादून के प्रो. अरुण कुमार ने बताया कि उत्तराखंड के लोगों को जड़ी-बूटी के उपयोग को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। कार्यक्रम के संचालक प्रो. सत्येन्द्र कुमार राजपूत ने भी विचार रखे। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद