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आपदा कंट्रोल रूम 24 घंटे खुलेंगे, टोल फ्री नंबर जारी

-जिलों के लिए 1077 और राज्य में 1070 टोल फ्रीनंबर जारी देहरादून, 30 मार्च (हि.स.)। मानसून सीजन के दृष्टिगत सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट कर दिया है। पूरे सप्ताह 24 घंटे आपदा कंट्रोल रूम खुले रहेंगे। जिलों के लिए 1077 और राज्य का 1070 टोल फ्री नंबर जारी किया गया। 176 अर्ली वार्निंग वेदर स्टेशनों से मौसम की हर जानकारी मिलेगी। विभागीय मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कार्यभार ग्रहण करते हुए अधिकारियों के पेंच कसने शुरू कर दिए हैं। राज्यमंत्री ने किसी भी आपदा से निपटने के लिए विभाग को जवाबदेह एवं दुरुस्त बनाने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए शासन एवं प्रशासन के अधिकारियों को राज्य एवं जिलों के आपदा परिचालन केंद्रों को मुस्तैद रखने के निर्देश दिए हैं। आपदा संबंधी भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार की है। सिंह ने कहा है कि मानसून सीजन को देखते हुए राज्य आपदा परिचालन केंद्र के साथ सभी 13 जिलों के आपदा परिचालन केंद्रों को सप्ताह भर 24 घंटे खुला रखा जाए। इसके अलावा 13 जनपदों के लिए जारी टोल फ्री नंबर 1077 और राज्यस्तर पर जारी 1070 और मोबाइल नंबर 9557444486 को जनप्रतिनिधियों के साथ ही आम जनमानस तक विभिन्न माध्यमों से प्रचारित किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्तमान में कुल 15 कारकों को आपदा की श्रेणी में रखा गया है जिसमें 12 को केंद्रीय गृह मंत्रालय और तीन को राज्य सरकार ने अधिसूचित किया है। केंद्र ने चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, त्वरित बाढ़, बादल फटना, हिमस्खलन, भू-स्खलन, कीट अक्रमण, ओलावृष्टि, सुनामी, शीत लहर/पाला और आकाशीय बिजली और राज्य सरकार ने आंधी-तूफान, मानव-वन्य जीव संघर्ष और वज्रपात को आपदा श्रेणी में रखा है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि आम जनमानस को आपदा से बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए होर्डिंग्स, हैंडबुक, पंफलेट, कम्युनिटी रेडियो आदि विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया जाए। इसके साथ न्याय पंचायत स्तर पर युवक मंगल दल, महिला मंगल दल, ग्राम प्रहरी, वन प्रहरी एवं पंचायत सदस्यों को बेसिक प्रशिक्षण देकर आपदा किट उपलब्ध कराई जाएं। विभागीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित 176 अर्ली वार्निंग वेदर स्टेशनों को भी एक्टिव रखा जाए ताकि समय रहते स्थानीय स्तर पर बचाव एवं सुरक्षा अभियान चला कर जान-माल की सुरक्षा की जा सके। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/मुकुंद

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