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प्राकृतिक संसाधनों में जनता को अधिकार देने की मांग

नई टिहरी, 03 अप्रैल (हि.स.)। प्राकृतिक संसाधनों पर हो जनता का अधिकार विषय पर पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय ने सर्वपक्षीय संवाद का आयोजन शनिवार को हनुमान चौक पर किया। संवाद को राजनीति से दूर रखते हुये स्थानीय मुद्दों पर वक्ताओं ने चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय जनता का अधिकार न होने के चलते बेरोजगारी व पलायन जैसी समस्यायें सामने हैं। वक्ताओं की चर्चा में निष्कर्ष निकल कर आया कि बेरोजगारी खत्म करने व पलायन को हतोत्साहित करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए। किशोर उपाध्याय ने कहा कि यहां के पानी से दिल्ली तक करोड़ों लोगों को प्यास बुझाई जा रही है लेकिन स्थानीय लोगों को आजकल पीने के पानी के लिए मोहताज होना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों की कुर्बानी से बने टिहरी बांध से 1400 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर देश के कई राज्यों को रोशन किया जा रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों को महंगी बिजली देकर लाखों के बिल थमाये जा रहे हैं। स्थानीय हितों को ध्यान में रखते हुये यहां के लोगों को बिजली व पानी के बिल नहीं दिये जाने चाहिए। संवाद में प्रस्ताव पारित कर मांग की गई कि प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार देते हुये मछलियों के आखेट का अधिकार स्थानीय लोगों को दिया जाना चाहिए। इसी तरह लीन पीरियड में बांधों से रेत का उठान स्थानीय लोगों को मिले। होटल और बार्ज स्थानीय लोगों को दिए जाएं। टीएचडीसी के सीएसआर फंड व राज्य को टिहरी बांध से मिलने वाली बिजली की रायल्टी टिहरी जनपद के विकास पर व्यय की जाए। बांध के ऊपर 24 घंटे आवाजाही की अनुमति स्थानीय लोगों को दी जानी चाहिए। पीने के पानी का संकट व सूखे की स्थिति पर सरकार तुरंत राहत दे। सार्वजनिक कामों में जंगल विभाग की अड़ंगेबाजी खत्म हो। प्रति माह एक रसोई गैस सिलेंडर, बिजली-पानी निशुल्क लोगों को पर्यावरण संरक्षण के एवज में दी जाए। परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी व केन्द्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण दिया जाए। एक आवास बनाने के लिए लकड़ी, बजरी व पत्थर निशुल्क दिया जाए। जंगली जानवरों से जनहानि पर कम से कम 25 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति व परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी व फसल के नुकसान पर कम से कम 5000 रुपये प्रतिनालि क्षतिपूर्ति दी जाए। जड़ी-बूटियों पर स्थानीय समुदाय का अधिकार हो। चार दशकों के विरोध के बाद टिहरी बांध बना, लेकिन जनता को आज भी कुछ नहीं मिला, 20 साल राज्य को बने होने के बाद भी आम लोगों को आज तक प्राकृतिक संपदाओं पर अधिकार नहीं मिले। प्रतापनगर के पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी, प्रो हर्ष डोभाल, इतिहासकार महिपाल नेगी, एडवोकेट शांति प्रसाद भट्ट, राजेंद्र डोभाल, नवीन सेमवाल, ममता उनियाल, आशा रावत, कुलदीप पंवार, लखवीर चौहान आदि ने भी विचार रखे। हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल/मुकुंद

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