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उपभोक्ता आयोग ने दिया कार मालिक को एक लाख नब्बे हजार रुपये देने का आदेश

हरिद्वार, 08 अप्रैल (हि.स.)। जिला उपभोक्ता आयोग ने वाहन डीलर व स्थानीय सर्विस सेंटर को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी पाया है। आयोग ने दोनों को खराब कार ठीक करने में खर्च हुई धनराशि 82,829 रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से और शिकायत खर्च और अधिवक्ता फीस के रूप में पांच हजार रुपये शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं। साथ ही आयोग ने दोनों को शिकायतकर्ता की हुई मानसिक, शारीरिक व आर्थिक कष्ट की एवज में एक लाख रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में देने के आदेश भी दिए हैं। शिकायतकर्ता छेड़ा इलेक्ट्रिकल्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड औद्योगिक क्षेत्र ग्राम मुंडयाक़ी,गुरुकुल नारसन रुड़की ने वाहन निर्माता कंपनी के अधिकृत डीलर रिनॉल्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई व उसके स्थानीय सर्विस सेंटर डीडी कोर्स प्राइवेट लिमिटेड रुड़की के खिलाफ एक शिकायत दायर की थी। दायर की गई शिकायत में बताया था कि उसने 29 दिसम्बर 2016 को गुड़गांव स्थित वाहन निर्माता कंपनी से निर्मित एक कार कंपनी के अधिकृत विक्रेता के माध्यम से नौ लाख 32 हजार 831रुपये में खरीदी थी। अधिकृत डीलर ने उक्त कार की दो वर्ष की वारंटी अवधि दी थी लेकिन निर्माणधीन त्रुटि होने पर उक्त कार वारंटी अवधि में खराब हो गई थी। इसके बाद शिकायतकर्ता कंपनी के स्थानीय सर्विस सेंटर पर कार को ठीक कराने गया था। जहां कार को ठीक करने की एवज में 40 हजार 829 रुपये लिए गए। यही नहीं कई बार चक्कर काटने पर शिकायत कर्ता ने 42 हजार रुपये ट्रेवल्स कंपनी को किराये के रूप में देने पड़े थे। जबकि शिकायतकर्ता की उक्त कार वारंटी अवधि में खराब हुई थी। शिकायत कर्ता ने ईमेल के माध्यम से अधिकृत डीलर को शिकायत की थी लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। जिस पर शिकायतकर्ता ने आयोग की शरण ली थी। हिन्दुस्थानसमाचार/रजनीकांत

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