प्राइवेट स्कूलों में शुल्क पर मुख्य शिक्षा अधिकारी रखेंगे नजर
प्राइवेट स्कूलों में शुल्क पर मुख्य शिक्षा अधिकारी रखेंगे नजर

प्राइवेट स्कूलों में शुल्क पर मुख्य शिक्षा अधिकारी रखेंगे नजर

-हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासनादेश जारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी नोडल अधिकारी नामित देहरादून, 08 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में योजित जनहित याचिका (संख्या 112-2020) में पारित निर्णय के क्रम में निजी विद्यालयों के शुल्क भुगतान की प्रक्रिया में मुख्य शिक्षा अधिकारियों को पदेन नोडल अधिकारी नामित किया है। इस संदर्भ में उत्तराखंड की शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को बुधवार को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 के संक्रमण से रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉक डाउन के फलस्वरूप विद्यालय बंद हैं। इस अवधि में निजी विद्यालयों द्वारा की जा रही शुल्क वसूली के संदर्भ में योजित जनहित याचिकाओं को निस्तारण किए जाने के लिए 10 जून को शासन को पत्र लिखा गया था। 22 जून को इस प्रकरण का निस्तारण किया गया। इसमें कहा गया है कि लॉक डाउन की अवधि में निजी विद्यालयों द्वारा लिया जाने वाला शिक्षण शुल्क के पूर्व में निर्गत शासनादेश संख्या 131 एवं 161 के अनुसार व्यवस्था की जाएगी। वही विद्यालय शुल्क लेंगे जो बच्चों को संचार माध्यमों से शिक्षण करा रहे हैं उन्हें केवल शिक्षण शुल्क लेने की अनुमति होगी, अन्य विद्यालयों द्वारा किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। यदि विद्यालय द्वारा अतिरिक्त पाठ्क्रमों का अध्यापन संचार माध्यमों से कराया जा रहा है तो वह शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त लिया जा सकता है। तीन सूत्री इस कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने का निर्णय लिया गया है, साथ यह भी कहा गया है कि कोई भी स्कूल शुल्क न पाने के कारण किसी बच्चे को नहीं निकालेगा। ऐसे बच्चों के अभिभावकों को छूट दी गई है वह संचार माध्यमों से पढ़ाई के बाद यदि शुल्क दे पाने में परेशानी महसूस कर रहे हैं तो शुल्क में राहत के लिए विद्यालय से आग्रह कर सकेंगे। इससे अभिभावकों में खुशी है। हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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