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चमोली आपदाः प्रोजेक्ट में कितनी मानव शक्ति, सरकार, बोर्ड को नहीं जानकारीः धस्माना

देहरादून, 08 फरवरी (हि. स.)। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने चमोली आपदा पर सोमवार को कहा कि परियोजनाओं व निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं में कितनी मानव शक्ति काम कर रही है, यह न श्रमिक कल्याण बोर्ड को पता है और न ही राज्य की सरकार को। कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में धस्माना ने यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऋषि गंगा और एनटीपीसी परियोजनाओं में कितनी जनहानि हुई है, इसका पता लगना बहुत मुश्किल है। वहां काम करने वालों का कोई आंकड़ा और विवरण न तो जल विद्युत निगम के पास है ना राज्य सरकार के पास और ना ही श्रम विभाग के पास। उपाध्यक्ष धस्माना ने कहा कि इस प्रकार की परियोजनाओं में निर्माण कार्य ठेकेदारों के पास होता है और अधिकांश समय ठेकेदारों के पास काम कर रहे श्रमिकों का ब्यौरा नहीं होता। उत्तराखंड में टिहरी जल विद्युत परियोजना, मनेरी भाली, कोटि इछाड़ी, लखवाड़ बियासी से लेकर जमरानी बांध तक दर्जनों जल विद्युत परियोजनाएं चल रही हैं और दर्जनों निर्माणाधीन हैं। इन सभी परियोजनाओं में काम करने वाली मानव शक्ति का कोई अधिकृत ब्यौरा राज्य सरकार के पास नहीं है। इसके कारण ऐसी परिस्थिति में जब कोई दुर्घटना घटती है तो जनहानि का पूरा पता नहीं चल पाता। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और उत्तराखंड जल विद्युत निगम से मांग की है कि राज्य में चालू और निर्माणाधीन सभी जल विद्युत परियोजनाओं (सरकारी और निजी) में कार्यरत हर श्रेणी के कार्मिकों की संख्या और ब्यौरा उपलब्ध रहे। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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