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चमोली आपदाः गुजरते दिनों के साथ परिजनों की टूटती उम्मीदें

गोपेश्वर, 09 फरवरी (हि.स.)। तपोवन क्षेत्र में आपदा के तीसरे दिन मंगलवार को तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू आपरेशन जारी है। मगर गुजरते दिनों के साथ टनल में फंसे लोगों के परिजनों की आस टूटने लगी है। ।प्रशासन के अनुसार करीब 35 से 40 लोग स्केप टनल में फंसे हैं। उन्हें निकालने के लिए पहले दिन से आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस प्रशासन की ओर से रेस्क्यू आपरेशन चलाया जा रहा है। ढाक गांव के बलवीर सिंह और भरत सिंह ने उनका भाई परियोजना में पम्प चालक है। वह भी टनल में कार्य कर रहा था। अभी तक उसके बारे में कोई सूचना नहीं है। उन्होंने कहा कि मलबे को निकालने के लिये सामान्य प्रक्रिया की उपयोग किया जा रहा है। ऐसे में टनल में फंसे लोगों के जीवित होने की संभावना क्षीण हो रही है। तपोवन निवासी पुष्कर सिंह ने बताया कि उनके मकान पर किराये पर रहने वाले घाट निवासी सतेश्वर प्रसाद का भी कुछ पता नहीं चल पा रहा है। उसकी पत्नी और बच्चे परेशान हैं। तपोवन निवासी अनूप खंडूरी ने बताया कि घटना के दिन उनके साले को कंपनी ने आवश्यक कार्य के लिये बुलाया था। घटना के समय वह टनल में था। तब से उसका कुछ पता नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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