चमोली आपदा-सातवां दिनः अपनों के इंतजार में पथराई आंखें
गोपेश्वर, 13 फरवरी (हि.स.)। तपोवन-रैंणी आपदा में लापता लोगों के इंतजार में परिजनों की आंखें पथरा गई हैं। आपदा के सातवें दिन कुछ लोग तो रो पड़े। ढाक गांव के यादवेंद्र डोभाल का कहना है कि उनका पुत्र अमित डोभाल (20) लापता है। वह एनटीपीसी की सहायक कम्पनी रित्विक में सुपरवाइजर था। हादसे के वक्त वह मजदूरों के साथ ही बैराज साइड पर था। उन्होंने बताया कि सात फरवरी को उनको ऋषिगंगा का जलस्तर बढ़ने की सूचना मिली तो उन्होंने अमित को फोन किया। मात्र चार मिनट बात होने के बाद उसका मोबाइल फोन बंद हो गया। अपना दर्द साझा करते समय वह रो पड़े। करछौं गांव के ग्रामीणों का कहना है कि ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में कार्य करने वाले कुलदीप और उनका 12 वर्षीय बेटा आशु भी लापता है। इन लोगों का आरोप है कि प्रशासन नदी के तटों पर खोजबीन नहीं कर रहा है। इस संबंध में जिला अधिकारी स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि बैराज साइड में खोजबीन के लिए रास्ता बनाया जा रहा है। पहुंच मार्ग तैयार होने के बाद पंुप की मदद से गाद को निकालकर सर्च अभियान चलाया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/मुकुंद-hindusthansamachar.in