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जवाड़ी बाइपास पर पुल बहा, लोगों को आई केदारनाथ आपदा की याद

-रुद्रप्रयाग में अलकनंदा, मंदाकिनी नदी उफान पर -लोगों ने छोड़े आशियाने, कोटेश्वर स्थित गुफा डूबी -शिवनंदी में 64 भैरवनाथ धाम का शिवालय डूबा रुद्रप्रयाग, 19 जून (हि.स.)। ऊंचाई वाले इलाकों से लेकर निचले क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। नदियों से सटे आवासीय भवनों तक पानी पहुंच गया है। लोगों ने अपने आशियानों को छोड़ दिया है। इसके साथ ही जवाड़ी बाइपास पर एक पुल भी अलकनंदा नदी में बह गया है। यह पुल 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान काफी मददगार साबित हुआ था। अलनकंदा नदी का जल स्तर काफी बढ़ने से कोटेश्वर मंदिर स्थित गुफा भी डूब गई है। शिवनंदी में 64 भैरवनाथ धाम स्थित शिवालय भी डूब चुका है। आपदा प्रबंधन एवं एसडीआरएफ की टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है। स्थानीय निवासी विजय कप्रवाण ने बताया कि अलनकंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से कोटेश्वर स्थित गुफा भी पानी से भर गई है। यहां पानी भरने से श्रद्धालु गुफा के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। शिवनंदी में 64 भैरवनाथ धाम स्थित शिवालय भी पानी से लबालब हो चुका है। मंदिर में पानी भरने से खतरा बना हुआ है। अलकनंदा के रौद्र रूप से लोग भयभीत हैं। जवाड़ी बाईपास पर एक पुल भी नदी में बह गया है। यह पुल केदारनाथ आपदा के समय काफी मददगार साबित हुआ था। इसके बाद एनएच विभाग की ओर से यहां पर स्थाई पुल तैयार किया गया। आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार एवं एसडीआरएफ के एसआई पूरण सिंह ने बताया कि आपदा प्रबंधन और एसडीआरएफ की टीमें नदियों के जलस्तर पर नजर बनाए हुए है और लोगों को सतर्क कर रही है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित

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