ब्रह्मलीन साध्वी प्रेमलता त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थींः कैलाशानंद
हरिद्वार, 23 अप्रैल (हि.स.)। महामण्डलेश्वर साध्वी प्रेमलता गिरी के अचानक ब्रह्मलीन हो जाने से पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी व समस्त संत समाज को भारी क्षति हुई है। इसकी भरपाई मुमकिन नही है। उक्त उद्गार निंरजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने ब्रह्मलीन म.म.साध्वी प्रेमलता गिरी को श्रद्धांजलि देते हुए व्यक्त किए। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि महामण्डलेश्वर साध्वी प्रेमलता गिरी एक महान संत थी। उनका पूरा जीवन सनातन धर्म के प्रचार प्रसार को समर्पित रहा। उनके अकस्मात ब्रह्मलीन हो जाने से निरंजनी अखाड़ा व संत समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने अपने शोक संदेश में कहा कि संतों का जीवन सदैव राष्ट्र कल्याण को समर्पित रहता है। ब्रह्मलीन साध्वी प्रेमलता गिरी एक विद्वान संत थी। सनातन धर्म के उत्थान में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि साध्वी प्रेमलता के अचानक ब्रहम्लीन होने से अखाड़े को जो क्षति पहुंची है, उसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता। संत समाज को उनकी कमी सदैव महसूस होगी। मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने अपने शोक संदेश में कहा कि ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर साध्वी प्रेमलता गिरी धर्मशास्त्रों की ज्ञाता व प्रखर विद्वान संत थी। सरल व मधुरभाषाी संत साध्वी प्रेमलता गिरी के धर्म व राष्ट्र सेवा में योगदान को कभी भुलाया नही जा सकेगा। ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर साध्वी प्रेमलता गिरी को श्रद्धांजलि देने वालों में ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, महंत रविन्द्रपुरी, स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती, स्वामी रामेश्वरानन्द सरस्वती, स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरी, श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह, मुखिया भगतराम, महेश्वरदास, राजेंद्रदास, धर्मदास, रामकृष्णदास नगरिया, महंत दुर्गादास, हरिचेतनानन्द, स्वामी रूपेंद्र प्रकाश आदि संतों ने ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर साध्वी प्रेमलता गिरी को संत जगत की महान विभूति बताया। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत