bird-conservation-along-with-nature-is-also-necessary-yatishwaranand
bird-conservation-along-with-nature-is-also-necessary-yatishwaranand

प्रकृति संतुलन के साथ पक्षी संरक्षण भी जरूरीः यतीश्वरानंद

हरिद्वार, 30 मार्च (हि.स.)। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के जन्तु एवं पर्यावरण विज्ञान विज्ञान विभाग में दो दिवसीय पक्षी विज्ञान पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के राज्य मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रकृति संरक्षण के साथ पक्षियों का संरक्षण बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि कई पक्षियों की प्रजातियां विलुप्त होने को हैं, जिनका संरक्षण किया जाना जहां प्राकृतिक वातावरण के लिए आवश्यक है। आने वाली पीढ़ियों को उनसे परिचित कराने के लिए भी यह आवश्यक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री ने की। प्रो. शास्त्री ने कहा कि ऐसे आयोजनों से इस क्षेत्र में कार्यरत वरिष्ठ वैज्ञानिकों को अपने अनुभव साझा करने के अवसर उपलब्ध होते हैं। युवा वैज्ञानिकों को भी वरिष्ठ वैज्ञानिकों से अनुभवों का लाभ मिलता है। कुलसचिव प्रो. दिनेश चन्द्र भट्ट ने बताया है कि वृत्त चित्र के माध्यम से पक्षियों की वातावरण में भूमिका को विस्तार से प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर डा. अंजन राय, निदेशक सीएसआईआर आईआईपी, देहरादून, अंतरराष्ट्रीय वन्य जीव वैज्ञानिक प्रो. मेवा सिंह, मैसूर विश्वविद्यालय ने अपने अनुभव संगोष्ठी में साझा किए। कार्यक्रम का संचालन डा. राकेश भूटियानी ने किया। इस अवसर पर प्रो. नवनीत, संकायाध्यक्ष, जीव विज्ञान संकाय ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया। प्रो. नमिता जोशी, डा. विनय सेठी, डा. नितिन काम्बोज, डा. गगन माटा, डा. विनोद कुमार, डा. नितिन भारद्वाज, शशिकान्त शर्मा, दीपक वर्मा, विरेन्द्र पटवाल, प्रमोद कुमार, डा. पंकज कौशिक सहित विभिन्न शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारी व शोध छात्रों ने प्रतिभाग किया। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in