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भिलंगना के जनप्रतिनिधि करेंगे पॉवर प्रोजेक्ट्स का विरोध

नई टिहरी, 15 फरवरी (हि.स.)। भिलंगना क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने देवट के रानीगढ़ मंदिर में सोमवार को बैठक कर क्षेत्र में बने और निर्माणाधीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स पर चर्चा की। जनप्रतिनिधियों ने एक सुर में भिलंगना नदी पर बन रहे पावर प्रोजेक्ट्स का विरोध करने का निर्णय लिया। भजन रावत के नेतृत्व में आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि भिलंगना क्षेत्र आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील है। यहां हर साल प्राकृतिक आपदाएं आती हैं। भविष्य में पावर प्रोजेक्ट्स का निर्माण क्षेत्र के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। सामाजिक कार्यकर्ता नित्यानंद कोठियाल ने कहा कि भिलंगना नदी पर पूर्व में दो पावर प्रोजेक्ट निर्मित किए गए हैं। इसका खामियाजा स्थानीय ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। भिलंगना हाइड्रो प्रोजेक्ट और फलेंडा प्रोजेक्ट के निर्माण से क्षेत्र के लोगों की सिंचाई गुले, कृषि भूमि व अन्य हक हकूक प्रभावित हुए हैं। सुरंगों के ऊपर स्थित गांवों के भवनों में दरारें पड़ने से आवासीय भवनों को खतरा पैदा हो गया है। सुरंगों के निर्माण से पेयजल स्रोत भी सूख चुके हैं। वक्ताओं ने कहा कि चमोली आपदा ने जल विद्युत परियोजनाओं पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर दिया है। पहाड़ों में अब और बांध नहीं बनने चाहिए। भिलंगना नदी पर उत्तराखंड जल विद्युत निगम के तीन प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं, जिनका क्षेत्र के ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। जनप्रतिनिधियों ने 18 फरवरी को बैठक में आंदोलन की रणनीति तैयार करने का फैसला किया है। बैठक में क्षेपंस कुलदीप चांदपुरी, मदन राणा, प्रधान राधिका देवी, दीपक पैन्यूली, दीपक राणा, धनी शाह, लक्ष्मी देवी, सुनीता देवी, कुलदीप जुगतवान, रेशमा देवी, जसवीर, भूपेंद्र राणा आदि मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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