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प्रधानमंत्री के 'लोकल फॉर वोकल' के आह्वान को साकार किया भरत राणा ने

उत्तरकाशी, 24 मार्च (हि.स)। पहाड़ में खाली होते गांव और बंजर होती जमीन से आहत हिमरौल गांव के भरत सिंह राणा के मन की टीस ने कामयाबी की कहानी लिख दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'लोकल फॉर वोकल' के आह्वान को उन्होंने बागवानी के क्षेत्र में साकार किया है। उन्हें राज्य सरकार के अलावा प्रधानमंत्री भी सम्मानित कर चुके हैं। प्रगतिशील किसान राणा ने अपने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में सैकड़ों युवाओं और युवतियों को जोड़कर स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया है। वह महिलाओं और बेरोजगारों के तैयार किए गए सेब, पुलम,आड़ू, खुमानी,माल्टा चुलू, नाशपाती और बुरांस का जूस , चटनी,अचार, पहाड़ी के पारंपरिक उत्पाद दालें ,सब्जियां, मंडुवा , झंगोरा, लाल चावल , चुल्लू का तेल , शहद और चौलाई आदि को खरीद करते हैं। उन्होंने बताया कि इसके बाद इन उत्पादों की ग्रेडिंग की जाती है। इन उत्पादों को उत्तराखंड के अलावा हरियाणा, गुजरात , मुंबई तमिलनाडु, कर्नाटक आदि प्रदेशों में भेजा जाता है। कोरोना काल में भी इन उत्पादों की भारी डिमांड रही। उन्होंने बताया कि आल्ट्रा हाई-डेसिंट रूट स्टाक सेब का बाग हिमरौल में है। वहां कम भूमि पर अधिक उपज ली जाती है। रूट स्टाक का यह सेब बागवानों की किस्मत बदल सकता है। इस सेब की मार्केट वैल्यू भी बहुत ज्यादा है। अनेक रोगों से मुक्ति दिलाने वाली तुलसी लेमन हर्बल चाय का उत्पादन भी वे कर रहे हैं। मशरूम के प्लांट से भी अच्छी आय हो रही है। फल एवं सब्जी प्रसंस्करण के लिए फूड ऐंड वैजिटेविल प्रोसेसिंग यूनिट लगाई गई है। अब उनके इस उद्योग में उनका पुत्र जगमोहन भी सहयोग कर रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/ चिरंजीव सेमवाल/मुकुंद

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