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उत्तराखंड में वन विभाग के अधिकारियों के अवकाश पर रोक

-वनाग्नि पर रोक के लिए केंद्र से मिले दो हेलीकाप्टर देहरादून, 04 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि प्रदेश में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने दो हेलीकाप्टर उपलब्घ कराए हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग के सभी अधिकारियों के अवकाश पर रोक लगाते हुए रेस्पांस टाइम में कमी लाने के निर्देश दिए है। रविवार को मख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आपात बैठक में शासन, पुलिस व वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और सभी जिलाधिकारियों के साथ वर्तमान स्थिति और इससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। उन्होंने इस दिशा में तत्काल कदम उठाने के आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार से दो हेलीकाप्टर उपलब्घ कराए गए हैं। इस संबंध में उनकी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर वार्ता हुई है। केंद्रीय गृहमंत्री ने हर सम्भव सहायता के प्रति आश्वस्त किया है। आवश्यकता होने पर एनडीआरएफ की टीमें भी भेजी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में वनाग्नि की घटनाओं को न्यूनतम करने के लिए दीर्घकालीक प्लान बनाया जाए और उसी के अनुरूप तैयारियां की जाएं। तहसील व ब्लाॅक स्तर तक कंट्रोल रूम और फायर स्टेशन स्थापित हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि की घटनाओं की सूचना कंट्रोल रूम को अविलम्ब मिलनी चाहिए और रेस्पांस टाइम में कमी लाई जाए। वन पंचायतों सहित स्थानीय लोगों का सहयोग लिया जाए। इस बात का ध्यान रखा जाए कि बच्चे और बुजुर्ग आग बुझाने न जाएं। लोगों को जागरूक किया जाए। इसके लिए व्यापक प्रचार -प्रसार किया जाए। गांवों और रिहायशी इलाकों के आसपास झाडियां साफ की जाएं। उन्होंने कहा कि एक हेलीकाप्टर गोचर में निगरानी रखेगा। वह श्रीनगर से पानी लेगा। दूसरा हेलीकाप्टर हल्द्वानी में निगरानी करेगा और भीमताल झील से पानी लेगा। राज्य के अधिकारी केंद्र के अधिकारियों के लगातार सम्पर्क में हैं। उपकरणों की नहीं हो कमी मुख्यमंत्री ने कहा कि फील्ड में गाड़ियों व उपकरणों की कमी नहीं होनी चाहिए। जहां जरूरी हो, वहां बिना समय गंवाए इनकी व्यवस्था की जाए। कंट्रोल रूम की संख्या बढ़ाई जाए। वनाग्नि से क्षति होने पर प्रभावितों को मानकों के अनुरूप मुआवजा जल्द दिया जाए। शरारती तत्वों पर होगी कठोर कार्रवाई मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों का संरक्षण उत्तराखण्डवासियों की परम्परा है। परंतु कुछ शरारती तत्व जानबूझकर वनों में आग लगाते हैं। ऐसे तत्वों की पहचान कर कठोर कार्रवाई की जाए। कुम्भ मेला क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। इस वर्ष 983 घटनाएं प्रदेश में इस वर्ष जंगल में आग लगने की 983 घटनाएं हुई हैं जिससे 1292 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावति हुआ है। वर्तमान में 40 जगह आग लगी हुई है। नैनीताल, अल्मोड़ा, टिहरी गढ़वाल और पौड़ी गढ़वाल वनाग्नि से अधिक प्रभावित है। 12 हजार वन कर्मी तैनात वनाग्नि को रोकने के लिए 12 हजार वन कर्मी लगे हैं। 1300 फायर क्रू स्टेशन बनाए गए हैं। वर्चुअल बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश,डीजीपी अशोक कुमार,प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी,सचिव अमित नेगी,शैलेश बगोली, एस.ए.मुरूगेशन सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी और सभी जिलाधिकारी व डीएफओ उपस्थित रहे। उधर, मुख्यमंत्री के निर्देश पर वन विभाग के सभी अधिकारियों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यक्षेत्र में बने रहने को कहा गया है। प्रदेश भर में तैनात किए गए फायर वाॅचर को 24 घंटे निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/मुकुंद

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