All arrangements regarding Makar Sankranti bath
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मकर संक्रांति स्नान को लेकर सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त

-सुरक्षा के व्यापक इंतजाम, पुलिस और यातायात टीमें मुस्तैद हरिद्वार, 13 जनवरी (हि.स.)। इस साल का पहला बड़ा गंगा स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति काे है। इस स्नान पर्व का काफी महत्व है, क्योंकि मकर संक्रान्ति पर्व के दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होने के साथ मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसलिए मकर संक्रांति के स्नान को खास माना जाता है। हरिद्वार में मकर सक्रांति पर मां गंगा में स्नान करने वालों की भारी भीड़ उमड़ती है। देशभर से श्रद्धालु आकर यहां आस्था की डुबकी लगाते हैं और मां गंगा से आशीर्वाद ले पुण्य अर्जित करते हैं। मान्यता है कि मकर संक्रान्ति के दिन गंगा स्नान करने के उपरांत तिल और खिचड़ी के साथ वस्त्रों का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओं से भारत सरकार की गाइड लाइन का पालन करने की अपील की है। इस स्नान के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये हैं। ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी का कहना है कि पुराणों में उत्तरायण पर्व को विशेष स्थान दिया हुआ है। भीष्म पितामह उत्तरायण पर्व के लिए तीर शैय्या पर लेटे रहे। कहा जाता है जिसकी मृत्यु उत्तरायण पर्व में होती है। उनका जन्म पृथ्वी लोक पर नहीं होता। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब उत्तरायण पर्व शुरू हो जाता है और 6 मार्च तक उत्तरायण पर्व रहता है।ज्योतिषाचार्य प्रतीक का कहना है कि गंगा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करके तिल खिचड़ी, वस्त्र का दान करने का विशेष महत्व है। इससे हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है, क्योंकि उत्तरायण का सूर्य सभी कष्टों का नाश करने वाला होता है। उत्तरायण पर्व सभी प्रदेशों में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि कहीं मकर संक्रांति, कहीं पर पोंगल और कहीं पर उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है। मगर इसका एक ही सार होता है कि अब सूर्य उत्तर दिशा की ओर आ गए हैं। क्योंकि यह दिशा देवताओं की प्राप्ति की होती है, इस दिन अगर अपने पितरों के निमित्त पिंडदान करते हैं, तो उससे आपके पित्र तृप्त होते हैं। कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि साल का सबसे बड़ा और पहला स्नान मकर संक्रांति है। ऐसे में उन्होंने हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि कोरोना महामारी को देखते हुए भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन करें। आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि यातायात को देखते हुए अभी ज्यादा परिवर्तन नहीं किया गए हैं, लेकिन भीड़ को देखते हुए परिवर्तन किया जाएगा। चमगादड़ टापू में है पार्किंग की व्यवस्था चमगादड़ टापू में पार्किंग की व्यवस्था की गई है। जब यह पार्किंग फुल हो जाएगी तो पावन धाम आश्रम के पास पार्किंग की व्यवस्था की गई है जो भी देहरादून की तरफ से यात्री हरिद्वार आएंगे। अगर वह भी फुल हो जाती है, तो धोबी घाट पार्किंग और बैरागी घाट पर पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। अभी हाईवे पर कई कार्य होने बांकी है। इसी को देखते हुए ट्रैफिक डायवर्जन किया जाएगा। दिल्ली से आने वाले श्रद्धालु लक्सर की तरफ से हरिद्वार आएंगे। मकर संक्रांति के स्नान को लेकर रुड़की पुलिस और प्रशासन मुस्तैद हो चुका है।रुड़की में भी लगने वाले जाम के मद्देनजर रुट डायवर्ट किए गए हैं ताकि यात्रियों को किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े और व्यवस्था सुचारू रह सके। ट्रैफिक पुलिस और आईएएस अधिकारी ने मंगलौंर के नारसन बॉर्डर से लेकर अन्य जगहों की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया, जिससे मकर संक्रांति के स्नान को सकुशल सम्पन्न कराया जा सके। भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद होगी- मकर सक्रांति के स्नान से पहले ही डायवर्ट रूट से भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी जिससे यात्रियों को जाम की समस्या से जूझना न पड़े। मंगलौर से लंढौरा वाया लक्सर से होते हुए यात्रियों को हरिद्वार मार्ग पर डायवर्ट किया जाएगा। इसके साथ ही 13 जनवरी से भारी वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से प्रतिबंध कर दी जाएगी। मकर संक्रांति और कुंभ स्नान को लेकर हरिद्वार परिवहन निगम तैयारियों में जुटा है। श्रद्धालुओं को धर्मनगरी हरिद्वार लाने के लिए परिवहन निगम बसों को बढ़ा रहा है। हरिद्वार रोडवेज के एआरएम के मुताबिक वो कुंभ के स्नानों के लिए उत्तराखंड रोडवेज उत्तर प्रदेश, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से वार्ता कर रहे हैं और हरिद्वार के लिए बसों के उचित प्रबंध की व्यवस्था बना रहे हैं, जिससे आने वाले समय में श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/रामानुज-hindusthansamachar.in

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