एम्स का उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा पर जोर
एम्स का उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा पर जोर

एम्स का उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा पर जोर

ऋषिकेश, 10 जुलाई (हि.स.)। अखिल भारतीय आयुुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आयोजित बैठक में उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। इसके साथ ही स्थानीय उत्पादों को आगे बढ़ाने व आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान की संभावनाओं पर चर्चा की गई। शुक्रवार को आयोजित बैठक में सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने खासतौर पर शिरकत की। सतपाल महाराज ने एम्स में कोरोना संक्रमित मरीजों को दिए जा रहे बेहतर उपचार के लिए निदेशक प्रो. रविकांत व अन्य चिकित्सकों का आभार जताया। इस अवसर पर एम्स निदेशक प्रो.रवि कांत ने कहा कि उत्तराखंड में हर साल लाखों की संख्या में देश-दुनिया के पर्यटक पहुंचते हैं। ऐसे में एम्स संस्थान राज्य में मेडिकल टूरिज्म को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करेगा। इससे उत्तराखंड की आर्थिकी में इजाफा होगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि एम्स मुख्यतः एलोपैथिक संस्थान है मगर ऋषिकेश जैसे स्थान पर होने की वजह से इसमें आयुष के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं, लिहाजा हमें आयुष और एलोपैथी का एक ऐसा होलिस्टिक प्रोग्राम तैयार करना होगा ,जिससे कि इस क्षेत्र में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिल सके। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा सरकार इस पर गंभीरता से विचार करेगी। इस विषय पर एम्स संस्थान के साथ मिलकर एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। एम्स निदेशक के स्टाफ ऑफिसर डॉ. मधुर उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड के वैज्ञानिक दृष्टि से लाभकारीगुणों से युक्त लोकल प्रोडक्ट्स मंडुवा, झंगोरा व स्थानीय जड़ी बूटियों पर अनुसंधान करने पर विचार किया गया। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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